मध्यप्रदेश के लोक न्यास पंजीयक करेंगे होलकरों की बेशकीमती परमार्थिक संपत्तियों की बिक्री की जांच

 

द ब्लाट न्यूज़ । इंदौर के पूर्व होलकर शासकों की देश भर में फैली 246 परमार्थिक मिल्कियत को लेकर उच्चतम न्यायालय के अहम फैसले के अगले दिन मध्यप्रदेश सरकार की एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के लोक न्यास पंजीयक जांच करेंगे कि गुजरे बरसों में इनमें से कितनी संपत्तियां किस तरह बेची गई हैं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने अक्टूबर 2020 को राज्य सरकार को पूर्व होलकर शासकों की देश भर में फैली 246 परमार्थिक संपत्तियों की स्वत्वधारी (टाइटलहोल्डर) करार दिया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को बृहस्पतिवार को परे रखते हुए कहा था कि ये संपत्तियां खासगी ट्रस्ट (पूर्व होलकर शासकों की परमार्थिक संपत्तियों की देख-रेख करने वाला न्यास) की हैं।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा थाकि उच्च न्यायालय के इन निर्देशों की कोई जरूरत नहीं थी कि राज्य का आर्थिक अपराध जांच दस्ता (ईओडब्ल्यू) न्यासियों के खिलाफ इन मिल्कियत के गबन के आरोपों की जांच करे।

खासगी ट्रस्ट मामले में राज्य सरकार की प्रभारी अधिकारी सपना शिवाले ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले में खासगी ट्रस्ट को सार्वजनिक न्यास माना गया है। लिहाजा इस पर मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 के सभी नियम-कायदे लागू होंगे।’

उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) लोक न्यास पंजीयक के उनके पदेन दायित्व के तहत जांच कर पता लगाएंगे कि खासगी ट्रस्ट की कितनी संपत्तियां किस तरह बेची गई हैं और ट्रस्ट से इस खरीद-फरोख्त का हिसाब लिया जाएगा।

शिवाले ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के पास खासगी ट्रस्ट मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर करने का विकल्प खुला है और यह कदम उठाने से पहले कानूनी जानकारों की राय ली जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंदौर क्षेत्र की सांसद रहने के दौरान 2012 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों में शामिल हरिद्वार स्थित कुशावर्त घाट को कथित तौर पर अवैध रूप से बेच दिया गया है।

उन्होंने बताया कि देश की आजादी के बाद रियासतकाल की समाप्ति पर पूर्व होलकर शासकों की परमार्थिक संपत्तियों के रख-रखाव के लिए खासगी ट्रस्ट का गठन किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रस्ट की 246 बेशकीमती संपत्तियों में 138 मंदिर, 18 धर्मशालाएं, 34 घाट, 12 छतरियां, 24 बगीचे, कुछ कुंड आदि शामिल हैं।

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