द ब्लाट न्यूज़ । केरल के कन्नूर का 31 वर्षीय एक व्यक्ति सोमवार को जांच में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया। यह भारत में इस बीमारी का दूसरा मामला है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने कहा कि मरीज 13 जुलाई को दुबई से तटीय कर्नाटक के मंगलूरु हवाई अड्डे पर उतरा था। उन्होंने कहा कि बीमारी के लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसके नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि जांच में वह वायरस से संक्रमित पाया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कोल्लम जिले से मंकीपॉक्स के पहले मामले का पता चलने के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को शुरू करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के लिए पिछले सप्ताह केरल में एक उच्चस्तरीय टीम भेजी थी।
पिछले सप्ताह स्वास्थ्य मंत्रालय के एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया था, ‘‘केरल के कोल्लम जिले से मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रकोप की जांच करने और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय शुरू करने में केरल राज्य सरकार की मदद करने के लिए एक केंद्रीय टीम भेजने का निर्णय लिया है।’’
अधिकारियों ने कहा था कि टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की सिफारिश करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले कहा था, ‘‘भारत सरकार स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करके अग्र सक्रिय कदम उठा रही है और किसी संभावित प्रकोप की स्थिति में राज्यों के साथ समन्वय कर रही है।’’
इस बीच, तिरुवनंतपुरम से प्राप्त खबर के अनुसार केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि दुबई से पिछले हफ्ते राज्य पहुंचा 31 वर्षीय एक व्यक्ति जांच में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। यह राज्य के साथ-साथ देश में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला है।
मंत्री ने कहा कि 13 जुलाई को केरल पहुंचा मरीज कन्नूर का रहने वाला है और उसका वहां परियाराम मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग मरीज के निकट संपर्क में थे, उन सभी पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्य में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं। हालांकि, यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।