द ब्लाट न्यूज़ । उच्चतम न्यायालय ने करदाताओं को राज्य कर अधिकारियों की तरफ से भेजी जाने वाली सभी सूचनाओं के लिए एक दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) इलेक्ट्रॉनिक ढंग से जारी करने की व्यवस्था लागू करने की जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। डीआईएन सरकार की तरफ से करदाताओं को भेजी जाने वाली सभी तरह की सूचनाओं के साथ अंकित 20 अंक का एक पहचान कोड होता है।
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी एन नागरत्न की पीठ ने सोमवार को जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा। वित्त मंत्रालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), जीएसटी परिषद और अन्य से जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रदीप गोयल ने एक जनहित याचिका दायर कर यह अपील की है कि कर अधिकारियों की तरफ से करदाताओं को सूचनाएं भेजते समय दर्ज होने वाले डीआईएन के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली बनाई जाए।
इस याचिका में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में निर्णय लेने वाले निकाय जीएसटी परिषद को सभी राज्यों द्वारा डीआईएन प्रणाली लागू करने के बारे में विचार करने और इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश देने की अपील की गई है।
इसके अलावा समूचे देश के लिए केंद्रीकृत डीआईएन प्रणाली लागू करने के संदर्भ में केंद्र सरकार एवं सीबीआईसी को भी निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।