द ब्लाट न्यूज़ । हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत कोसली सहित दक्षिण हरियाणा में बाजरा बाहुल्य जिलों में बाजरे के स्थान पर दलहन व तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत कम से कम एक लाख एकड़ क्षेत्र में दलहन व तिलहन फसल को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।
एसडीएम वैशाली सिंह ने बताया की केंद्र सरकार ने दलहन व तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत दलहनी फसलों में मूँग, अरहर व उड़द तथा तिलहनी फसलों में अरण्ड, मूंगफली व तिल की फसलें शामिल हैं। योजना के तहत किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ वित्तीय सहायता भी प्रदान की जायेगी। इसके लिए किसानों को पहले ‘‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’’ पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा और सत्यापन उपरांत सहायता राशि किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग दलहनी व तिलहनी फसल क्षेत्र बढ़ाने पर जोर दे रहा है। किसानों को फसलों की नई किस्मों व आधुनिक तकनीक जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि दाल वाली फसलें मृदा के स्वास्थ्य को अच्छा बनाती है और हवा की नाइट्रोजन को सोखकर जमीन में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाती हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इस तरह किसानों को खेत में नाइट्रोजन फर्टिलाइजर की कम मात्रा की जरूरत पड़ेगी। तिलहन वाली फसलों को बढ़ावा देने से देश में खाद्य तेल की कमी को भी पूरा करने में सहयोग मिलेगा।