द ब्लाट न्यूज़ । करीब छह महीनों से चल रही चर्चा पर विराम लगाते हुए प्रभावशाली पाटीदार नेता नरेश पटेल ने बृहस्पतिवार को एलान किया कि वह अभी राजनीति में नहीं आ रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस की गुजरात इकाई को दिसंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पटेल के पार्टी में शामिल होने की उम्मीद थी और हाल-फिलहाल में दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कई दौर की बातचीत हुई थी।
पटेल ने कहा कि हालांकि युवा और महिलाएं उनके सक्रिय राजनीति में आने के पक्ष में हैं, लेकिन समुदाय के बड़े-बुजुर्ग इसके बिल्कुल खिलाफ हैं।
पटेल ने राजकोट जिले के खोडलधाम में पत्रकारों से कहा, ‘‘पाटीदार समुदाय के बड़े बुजुर्गों ने मुझसे कहा कि अगर मैं राजनीतिक दल में शामिल होता हूं तो मैं प्रत्येक समुदाय के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि से संबंधित खोडलधाम की कई सामुदायिक परियोजनाएं अब भी पूरी नहीं हुई हैं। मेरा लक्ष्य पहले इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने अभी इस वक्त राजनीति में नहीं आने का फैसला किया है। आप कह सकते हैं कि मैंने स्थायी रूप से यह विचार त्याग दिया है। लेकिन कोई नहीं जानता कि भविष्य में क्या होगा।’’
इस मौके पर पटेल ने सक्रिय राजनीति में शामिल होने की इच्छा रखने वाले सभी समुदायों के युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए खोडलधाम परिसर में ‘खोडलधाम राजनीतिक अकादमी’ शुरू करने की भी घोषणा की।
गौरतलब है कि ट्रस्ट की एक समिति ने यह पता लगाने के लिए विस्तारपूर्वक सर्वेक्षण किया था कि पटेल के राजनीति में जाने के बारे में समुदाय की क्या राय है। सर्वेक्षण के नतीजों का हवाला देते हुए पटेल ने कहा कि तकरीबन 80 फीसदी युवा और 50 प्रतिशत महिलाएं राजनीति में उनके प्रवेश के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, तकरीबन 100 फीसदी बुजुर्गों की राय है कि मुझे राजनीति से दूर रहना चाहिए और मैं उनकी चिंताओं को वाजिब समझता हूं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने बेटे शिवराज को भी सक्रिय राजनीति से दूर रहने को कहेंगे।
पटेल की अध्यक्षता वाला खोडलधाम ट्रस्ट देवी खोडियार को समर्पित श्री खोडलधाम मंदिर के मामलों का प्रबंधन करता है। यह देवी राजकोट जिले में लेउवा पटेल समुदाय की कुलदेवी हैं।