The Union Minister for Defence, Shri Manohar Parrikar being introducing to Naval Commanders, during the Naval Commanders’ Conference, in New Delhi on May 26, 2015. The Chief of Naval Staff, Admiral R.K. Dhowan is also seen.

रूस-यूक्रेन संघर्ष से बदले हालातों पर होगा विचार मंथन…

-समुद्री मामलों पर चर्चा करने के लिए 25 से 28 अप्रैल तक दिल्ली में इकठ्ठा होंगे
-तीनों सेनाओं में तालमेल और तैयारी बढ़ाने के मुद्दों पर भी होगी सम्मेलन में चर्चा

द ब्लाट न्यूज़ । नौसेना के कमांडर सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा करने के लिए 25 से 28 अप्रैल तक दिल्ली में इकठ्ठा होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे। सम्मेलन का मुख्य मुद्दा रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण उभर रहे परिवर्तनों पर भी केंद्रित होगा। सम्मेलन में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और तैयारी बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा की जानी है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे। नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में किए गए प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।

सम्मेलन में नौसेना की महत्वपूर्ण गतिविधियों और पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर कमांडरों के साथ विचार-विमर्श भी किया जाना है। सम्मेलन का मुख्य मुद्दा रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण उभर रहे परिवर्तनों पर भी केंद्रित होगा। भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख तीनों सेनाओं के साथ सामान्य परिचालन वातावरण बनाने के लिए नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल और तैयारी को बढ़ाने के रास्ते पर भी सम्मेलन में चर्चा की जानी है।

उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना भविष्य में नए दृष्टिकोण के साथ युद्ध के लिए तैयार होने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों में अपने परिचालन कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि की है। ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में भारतीय नौसेना की स्थिति भी हाल के दिनों में बढ़ी है। 2020-21 में भारतीय नौसेना के जहाजों ने हिन्द महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों को भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए कई आउटरीच मिशन शुरू किए हैं।

 

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