द ब्लाट न्यूज़। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की एक अदालत से शुक्रवार को उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, जिसमें एजेंसी को ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया बोर्ड’ के अध्यक्ष आकार पटेल के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) वापस लेने के लिये कहा गया है।
दूसरी ओर, पटेल ने इस मामले में एजेंसी के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है, जिसमें दावा किया गया है कि अदालत के आदेश के बावजूद उन्हें एक बार फिर देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
आरोपी के एक वकील ने बताया कि एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट की रजिस्ट्री में याचिका दायर की है।
वहीं, पटेल ने विदेशी चंदा नियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले की जांच कर रहे अधिकारी के खिलाफ अदालत के समक्ष अवमानना याचिका दाखिल की। याचिका में उन्होंने बृहस्पतिवार को जारी अदालत का आदेश नहीं माने जाने की बात कही है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने यह आदेश पारित करते हुए जांच एजेंसी को 30 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने सीबीआई को पटेल से माफी मांगने का भी निर्देश दिया था।
पटेल के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को बृहस्पतिवार रात एक हवाई अड्डे पर रोका गया और उन्हें सूचित किया गया कि सीबीआई ने एलओसी वापस नहीं लिया है। दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि आर्थिक नुकसान के अलावा, आवेदक को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसे निर्धारित समय पर अपनी यात्रा की अनुमति नहीं दी गई।
न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘याचिकाकर्ता वित्तीय मुआवजे के लिए अदालत या अन्य मंच का दरवाजा खटखटा सकता है। इस अदालत का सुविचारित मत है कि इस मामले में, सीबीआई के प्रमुख अर्थात सीबीआई निदेशक द्वारा अपने अधीनस्थ की ओर से हुई चूक को स्वीकार करते हुए लिखित माफी मांगने से न केवल याचिकाकर्ता के घाव भरेंगे बल्कि इससे इस प्रमुख संस्थान में जनता का विश्वास बना रहेगा।’’
पटेल के आवेदन में अमेरिका जाने के लिए अदालत की अनुमति मांगी गई थी, ताकि वह 30 मई तक विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित व्याख्यानों में हिस्सा ले सकें और विदेशों में अपना कामकाज पूरा कर सकें।