लखीमपुर खीरी जाने के प्रयास में लखनऊ से निकलीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सोमवार को सीतापुर में हिरासत में लेने के बाद मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब उनको निजी मुचलके पर रिहा किया जा सकता है। उनकी रिहाई पर असमंजस की स्थिति बनी है। उधर प्रियंका को गिरफ्तार करने की सूचना पर कांग्रेस काफी आक्रोशित हैं।
सीतापुर में पीएसी सेकेंड बटालियन के गेस्ट हाउस में हिरासत में ली गईं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व 11 के विरुद्ध मंगलवार को हरगांव पुलिस ने धारा 107/116 व 151 में कार्रवाई कर दी है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 11 लोगों के विरुद्ध हरगांव पुलिस ने धारा 107/116 व 151 में पाबंद करने के लिए रिपोर्ट एसडीएम को भेजी है। एसडीएम की संस्तुति के बाद प्रियंका व उनके समर्थकों की पाबंदी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जाएगा।
तहसील को भेजी रिपोर्ट में यह 11 नाम
प्रियंका गांधी, अजय कुमार उर्फ लल्लू, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपक सिंह, धीरज गुर्जर, अमित कुमार, हरिकांत, नरेंद्र शेखावत, संदीप, राजकुमार व याेगेंद्र।
हरगांव थानाध्यक्ष बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि लखीमपुर में धारा 144 लागू है। इस वजह सोमवार तड़के लखीमपुर जाते समय कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को हरगांव में रोका गया था। यहां प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए शांतिभंग की आशंका में उन्हेंं हिरासत में लेकर सीतापुर भेजा गया था।
अंतिम संस्कार के बाद तय होगी आगे की रणनीति
प्रियंका गांधी की रिहाई के बारे में अभी कुछ तय नहीं है। लखीमपुर में मृतकों का अंतिम संस्कार होने के बाद ही कुछ स्थिति स्पष्ट होगी। अंतिम संस्कार के बाद ही प्रियंका को सीतापुर से रवाना किया जाएगा। अगर अनुमति मिल गई तो वह लखीमपुर जाएंगी वरना यहीं से वापस लखनऊ भेज दिया जाएगा।
धारा 107/116 व 151 में कार्रवाई
भारतीय संविधान की दण्ड प्रक्रिया संहिता 107/116/151 का विधि व्यवस्था की स्थापना के लिए महत्व बढ़ जाता है। आक्रोशित जन सामान्य को नियंत्रित करने के लिए पुलिस इस कानून का सबसे ज्यादा प्रयोग करती है। पुलिस इन धाराओं में गिरफ्तारियां करके यह समझ लेती है कि उसका काम पूरा हो गया है और उसने समस्या पर काबू पा लिया है। ग्रामीण थाना में इन धाराओं का प्रयोग अधिक होता है। पुलिस मामूली मन-मुटाव पर भी दोनो पक्षों के विरूद्ध इसका प्रयोग करती है जिससे गांव की शांति और सौहार्द जाता रहता है। कभी गांव के गांव इन धाराओं में मजिस्ट्रेट के सामने भेज दिए जाते हैं।