दिल्ली के चुनाव को केजरीवाल ने बताया देश बचाने का चुनाव,

दिल्ली को बचाने का चुनाव है। लेकिन मुझे लगता है कि ये चुनाव केवल दिल्ली को बचाने का चुनाव नहीं है। ये चुनाव देश को बचाने का चुनाव है। ये चुनाव केवल आम आजमी पार्टी और बीजेपी के बीच का चुनाव नहीं है। ये चुनाव दो किस्म के विचारधाराओं का चुनाव है। केजरीवाल ने कहा कि सरल भाषा में कहे तो ये चुनाव इस बात को लेकर है कि जनता को ये तय करना है कि देश का और राज्य का सरकारी खजाना और सरकारी पैसा कहां खर्च होना चाहिए, किसपर खर्च होना चाहिए और कैसे खर्च होना चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता टैक्स देती है। यहां तक की गरीब से गरीब आदमी तक टैक्स देता है। जब बाजार से गरीब आदमी एक माचिस खरीद कर लाता है, खाने पीने की चीज खरीदता है। कुछ भी खरीदता है तो उस पर जीएसटी लगता है। सारा पैसा देश के गरीब से गरीब आदमी, मीडिल क्लास और अमीर आदमियों से सरकारें एकट्ठा करती हैं। ये पैसा कैसे खर्च होना चाहिए। ये चुनाव ये तय करने का चुनाव है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता के पास दो मॉडल हैं। पहला है केजरीवाल मॉडल – जहाँ जनता का पैसा जनता पर खर्च होता है और दूसरा है बीजेपी मॉडल – जहाँ जनता का पैसा उनके अमीर दोस्तों की जेब में जाता है। अब जनता को तय करना है, उसे कौन सा मॉडल चुनना है।अरविंद केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि आप के नेतृत्व वाली सरकार के तहत दिल्ली के लोगों को प्रति माह ₹25,000 तक का लाभ मिल रहा है, उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो सभी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी क्योंकि यह उनके मॉडल के खिलाफ है।

यह घटनाक्रम दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सामने आया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को लगातार तीसरी बार सत्ता में वापस आने से रोकना है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान हो रहा है जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होनी है। दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिससे किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 36 चाहिए।

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