जहरीली हवा में सांस लेने को हुए मजबूर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। राजधानी दिल्ली में इस समय प्रदूषण से हालात काफी खराब है। कई इलाके राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे हैं जहां एक्यूआई 400 से अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि हाल में इस बढ़े प्रदूषण से दिल्ली को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बढ़े प्रदूषण के कारण पूरी दिल्ली धुंध की चादर में लिपटी हुई है।

वहीं हवा में सांस लेना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। लगातार 14वें दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में प्रदूषण दर्ज हुआ है। सुबह 8 बजे औसत एक्यूआई 355 (बहुत खराब) था, जो सोमवार को शाम 4 बजे के 352 (बहुत खराब) से मामूली गिरावट थी। सुबह 8 बजे औसत एक्यूआई 355 (बहुत खराब) था, जो सोमवार को शाम 4 बजे के 352 (बहुत खराब) से मामूली गिरावट थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) 0-50 के बीच एक्यूआई को “अच्छा”, 51 और 100 के बीच को “संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच को “मध्यम”, 201 और 300 के बीच को “खराब”, 301 और 400 के बीच को “बहुत खराब” और 400 से अधिक को “गंभीर” श्रेणी में रखता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले एक सप्ताह से ‘धुंध’ की स्थिति बनी हुई है और क्षेत्र में इसी तरह की धुंध बनी रहने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, जब दृश्यता 1,000 मीटर से कम होती है, तो उसे कोहरा कहा जाता है। जब दृश्यता 1,000 मीटर से कम हो और सापेक्ष आर्द्रता 75% से कम हो, तो इसे स्मॉग कहा जा सकता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया, “रात भर हवाएं शांत रहती हैं, जिससे कोहरा बनता है। हम सुबह के समय कोहरा और बाकी दिन धुंध देख रहे हैं।”

सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चला कि मंगलवार सुबह 8 बजे कम से कम पांच स्टेशन ‘गंभीर’ श्रेणी में थे। इसमें वजीरपुर (424) और जहांगीरपुरी (417) शामिल थे। दिल्ली का कुल AQI 30 अक्टूबर को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया था और तब से इसी श्रेणी में बना हुआ है। इस सीजन में यह अभी तक ‘गंभीर’ श्रेणी में नहीं पहुंचा है। इस बीच, राजधानी में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस रहा – जो सामान्य से चार डिग्री अधिक और सोमवार से 0.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

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