शिमला । हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद व अभिनेत्री कंगना रनौत के किसानों को लेकर दिए गए एक बयान काे लेकर मंगलवार को राज्य की विधानसभा में हंगामा हुआ। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्याें ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विपक्ष के इसी हंगामे के बीच कंगना रनौत के बयान को लेकर विधानसभा में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया।
मंगलवार काे कंगना रनौत के बयान का मामला विधानसभा में उस समय गूंजा, जब विपक्षी दल भाजपा ने सदन से वाकआउट किया। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के वाकआउट की निंदा करते हुए कहा कि वास्तव में प्रदेश में कानून व्यवस्था नहीं है, बल्कि कंगना रनौत के किसान संबंधी दिए गए बयान पर चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान से देश के करोड़ों किसानों और बागवानों की भावनाएं आहत हुई हैं और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंगना ने किसानों और बागवानों का अपमान किया है। हर्षवर्धन चौहान ने इस मुद्दे पर कंगना के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पेश किया। उन्होंने कहा कि किसानों को बलात्कारी और आतंकवादी कहना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी हर्षवर्धन के प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि विपक्ष को अपने व्यवहार पर मंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के किसान और बागवान कंगना के बयान से बहुत गुस्से में हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि वास्तव में विपक्ष को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए थी।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि कंगना रनौत ने किसानों को लेकर निर्लज बात की है। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। इसी मुद्दे पर विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि कंगना रनौत के बयान से पूरा किसान और बागवान वर्ग आहत है। उन्होंने कहा कि कंगना को हमेशा उटपटांग बोलने की आदत है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में सात सौ से अधिक किसानों की जान गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वह भी किसानों पर कंगना की टिप्पणी का समर्थन करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कंगना रनौत के बयान पर हो रही चर्चा का विरोध करते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने आप सदन में अपना पक्ष नहीं रख सकता, परंपरा के अनुसार उस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने यह भी कहा कि कंगना का यह बयान उनका निजी मत है और भाजपा विधायक दल पार्टी हाईकमान के मत के साथ है।