शिमला । हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा का दूसरा मॉनसून सत्र मंगलवार से शुरू होने वाला है। इस बार मॉनसून सत्र 10 दिनों तक चलेगा। सदन की कार्यवाही नौ सितंबर को समाप्त हो जाएगी। मॉनसून सत्र में जबरदस्त हंगामा होने के पूरे आसार दिख रहे हैं। विपक्ष पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्रवाई को बाधित कर सकता है।
विपक्षी दल भाजपा ने मॉनसून सत्र को लेकर सोमवार को विधानसभा स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से किनारा कर संकेत दिए हैं कि सत्र में विपक्ष के तेवर तल्ख रहेंगे। दरअलस स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की तरफ से कोई भी नेता नहीं पहुंचा। इससे साफ तौर पर इशारा हो गया है कि विपक्ष मानसून सत्र के दौरान सरकार की घेराबंदी करने वाला है।
मॉनसून सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में भाजपा ने सोमवार देर शाम बैठक कर रणनीति बनाई। जयराम ठाकुर का कहना है कि मॉनसून सत्र में महंगाई, कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा। बजट सत्र के बाद पिछले पांच माह में ऐसे कई मुद्दे भाजपा के हाथ लगे हैं, जिन पर वो सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश करेगा। इनमें मुख्य तौर पर बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से हुई तबाही, प्रदेश की खराब माली हालत, कर्मचारियों की लंबित देनदारियां, निशुल्क बिजली योजना और गांवों में निशुल्क पानी योजना में संशोधन, सीमेंट दामों में बढ़ौतरी और कांग्रेस की गारंटियां शामिल हैं।
दूसरी तरफ सत्तापक्ष कांग्रेस भी भाजपा विधायकों के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले सुबह नौ बजे सतापक्ष के विधायक बैठक करेंगे। इसमें विपक्ष के हमलों केा नाकाम करने की रणनीति तैयार की जाएगी। सतापक्ष द्वारा केंद्र सरकार पर प्रदेश की अनदेखी के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मुददे को सतापक्ष सदन में भुनाकर विपक्ष को बैकफुट पर करने की कोशिश करेगा।
नौ नवनिर्वाचित विधायक लेंगे सत्र में लेंगे हिस्सा, पहली बार नजर आएगी पति-पत्नी की जोड़ी
हाल ही में हुए दो विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद हो रहे मॉनसून सत्र में कांग्रेस के छह और भाजपा के तीन नवनिर्वाचित विधायक भी हिस्सा लेंगे। दरअसल इसी साल फरवरी माह में बजट सत्र के दौरान राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद व्हिप का उल्लंघन करने पर स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों की सदस्यता बर्खास्त कर दी गई थी। बगावत करने वाले छह पूर्व कांग्रेस विधायकों ने बाद में भाजपा का दामन थामा और भाजपा की टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़ा। इनमें इंद्रदत लखनपाल और सुधीर शर्मा ही दोबारा विधानसभा में पहुंच पाए हैं। इसी तरह तीन निर्दलीय विधायकों केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और होशियार सिंह ने इस्तीफे देकर भाजपा से चुनाव लड़ा और आशीष शर्मा ही जीत हासिल कर पाए। इस बार विधानसभा में पहली बार पति-पत्नी की जोड़ी नजर आएगी। देहरा से अपने पहले चुनाव में जीत कर विधायक बनी कमलेश ठाकुर मुख्यमंत्री सुक्खू की धर्मपत्नी हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू और कमलेश ठाकुर के रूप में पहली बार पति-पत्नी की जोड़ी सदन में दिखेगी।
अब विधानसभा में कोई भी निर्दलीय विधायक नहीं हैं। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 है जबकि भाजपा के 28 विधायक हैं।
मॉनसून सत्र में 936 सवाल गूंजेंगे, स्पीकर ने की सतापक्ष और विपक्ष से सहयोग की अपील
विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने मानसून सत्र के संचालन में सतापक्ष व विपक्ष से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सत्र है, जिसमें 10 बैठकें आयोजित की जा रही हैं। उन्होने सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि वे सदन के समय का सदुपयोग जनहित से सम्बन्धित विषयों को उठाने के लिए करें तथा उस पर चर्चा करें।