प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ का वन मैन शो नहीं चलेगा

THE BLAT NEWS;

भोपाल। 29 मई को प्रदेश कांग्रेस के 12 बड़े नेताओं के साथ हुई राहुल गांधी और मल्लिकार्जुगन खडग़े की बैठक की बातें बाहर आने लगी हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कमलनाथ का वन मैन शो नहीं चलेगा। उन्हें दूसरी पीढ़ी के नेताओं को महत्व देना पड़ेगा। अभी कमलनाथ केवल दिग्विजय सिंह को महत्व दे रहे हैं लेकिन राहुल गांधी के तेवर से स्पष्ट है कि श्री नाम टिकट वितरण, चुनाव अभियान और अन्य किसी भी मामले में मनमानी नहीं कर पाएंगे। 29 मई की बैठक से जाहिर हुआ कि प्रदेश कांग्रेस का चुनाव अभियान पूरी तरह से कांग्रेस आलाकमान यानी राहुल गांधी की देखरेख में चलेगा। प्रदेश कांग्रेस अपने प्रत्येक निर्णय की रिपोर्टिंग राहुल गांधी को करेगी। इसी के साथ यह भी स्पष्ट है कि प्रियंका गांधी को आगे रखकर कांग्रेस का चुनाव अभियान चलाया जाएगा। कमलनाथ ने आलाकमान के साथ बैठक के लिए जो सूची बनर्इा थी उसमें जीतू पटवारी शामिल नहीं थै। जैसे ही प्रदेश के नेता बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे तो उसमें शामिल नेताओं में जीतू पटवारी को नहीं देख कर राहुल गांधी ने जानकारी ली और अपनी अप्रसन्नता जाहिर की। ताबड़तोड़ तरीके से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जीतू पटवारी को बैठक में शामिल किया गया। कुल मिलाकर दिल्ली की बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि कमलनाथ को दिग्विजय सिंह के अलावा अरुण यादव, जीतू पटवारी, अजय सिेहजैसे नेताओं को साथ में रखकर चुनाव अभियान चलाना पड़ेगा। टिकट वितरण में भी जैसा कि अनुमान व्यकत् किया गया है कमलनाथ को खुली छूट नहीं मिलेगी। प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल और उनके साथ नत्थी किए गए चार सह प्रभारी कमलनाथ को प्रत्येक निर्णय में शामिल होंगे। बैठक में कमलनथ के चेहरे पर चुनाव लडऩे पर सहमति दर्शाई गई लेकिन उन्हें अपने हर निर्णय से पहले राहुल गांधी को रिपोर्टिंग करनी पड़ेगी। यानी प्रदेश में कमलनाथ को अपर हैंड सौंपा परंतु वे मनमानी नहीं कर पाएंगे। सूत्रों का कहना है कि जीतू पटवारी, अरुण यादव और अजय सिंह जैसे नताओं ने दिल्ली जाकर बार-बार कमलनाथ की ऑटोकेट शैली की शिकायत की थी। खासतौर पर जीतू पटवारी कमलनाथ के खिलाफ दिल्ली में सक्रिय रहे। राहुल गांधी ने भी अपनी टीम के माध्यम से कमलनाथ की कार्यशैली और उनके तौर-तरीकों के बारे में फीडबैक लिया था। इसी के बाद दिल्ली में बैठक बुलाई गई और साफ संदेश दिया गया कि प्रदेश कांग्रेस का चुनाव अभियान भले ही कमलनाथ के नेतृत्व में चलेगा लेकिन सारे निर्णय दिल्ली से लिए जाएंगे। बैठक में  कमलनाथ ने चुनाव तैयारियों के संबंध में अपनी रिपोर्टिंग दे दी और कहा कि कांग्रेस पर्याप्त संख्या के साथ सरकार बनाने की स्थिति में है। Image result for प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ का वन मैन शो नहीं चलेगा, दिग्विजय सिंह के साथ ही दूसरी पीढ़ी के नेताओं को भी देना पड़ेगा नाथ को महत्व

कमलनाथ ने कांग्रेस द्वारा जन कल्याणकारी और लोकलुभावन योजनाओं के संबंध में भी राहुल गांधी और मल्लिकाजु्रन खडग़े को बताया। प्रियंका गांधी को सामने रखने का कारण यही है कि उनके कारण कांग्रेस प्रदेश में महिलाओं को लुभा सकेगी। प्रियंका गांधी जब महिलाओं को गारंटी देंगी तो उसका असर जनता पर अनुकूल पडऩे की संभावना है। कांग्रेस के पास प्रियंका गांधी से अच्छा कम्युनिकेटर नहीं है। वे प्रदेश से जुड़े मुद्दों के आधार पर चुनाव अभियान जनता से कनेक्ट हो पाता है। प्रियंका गांधी 12 जून से प्रदेश में चुनाव अभियान का श्रीगणेश करेंगी। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की पहली सभा के लिए जबलपुर का चयन किया है। प्रियंका गांधी भले ही चुनाव प्रचार अभियान की सूत्रधार होंगी लेकिन सर्वोच्च नेता राहुल गांधी ही रहेंगे। उनका ही निर्णय किसी भी मामले में अंतिम माना जाएगा। हारी हुई सीटों के लिए विशेष रणनीति – नवम्बर में होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांगे्रस लगातार हारने वाली सीटों के प्रत्याशियों का नाम तीन माह पहले से तय कर लेगी। 230 सदस्यीय विधानसभा में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कांग्रेस के 95 विधायक हैं। मध्य प्रदेश में 70 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को पिछले कई चुुनावों से पराजय मिल रही है। इन सीटों पर पार्टी के दिग्गज नेता भी इन क्षेत्रों में लगातार दौरे कर रहे हैं। सथ ही उन क्षेत्रों के प्रत्याशी भी पहले तय कर दिए जाएंगे जहां टिकट को लेकर बहुत खींचतान नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं से जानकारी जुटा रहे हैं। प्रत्याशी चयन के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सर्वे तो करा ही रहे हैं, वरिष्ठ नेताओं की मैदानी जानकारी जुटाने के लिए भी भेजा गया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भानोत, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल  सहित अन्य नेताओं को जिले आवंटित किए गए हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उनसभी सीटों का दौरा कर रहे हैं, जहां पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक अर्जुन मोडवाडिया, सुभाष चोपड़ा, कुलदीप ङ्क्षसह राठौड़, प्रदीप टम्टा के अलावा राष्ट्रीय सचिवों को भी जिलों का प्रभार दिया गया है।

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