पत्नी बन चुकी दुष्कर्म पीडि़ता ने खुदी की पैरवी, पति हुआ दोषमुक्त

THE BLAT NEWS:
ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ में एक रोचक मामला सामने आया। दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने आरोपित से मुकदमा विचारण के दौरान ही विवाह कर लिया। लेकिन इससे पहले महिला (पीडि़ता) की गवाही पर ही विचरण न्यायालय ने युवक को दस साल की सजा सुना दी थी। यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण महिला ने न्यायालय ने खुद पैरवी की और पति को दोषमुक्त करा लिया। मुकदमे की खूब चर्चा हो रही है। पीडि़ता अपने बच्चों के साथ कोर्ट में खुद पैरवी के लिए पहुंची और उसने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि अपीलार्थी जब जमानत पर जेल से बाहर आया था, तब उसने विवाह कर लिया था। उनके तीन बच्चे भी हैं, लेकिन विचारण न्यायालय ने उनके इस तथ्य की अनदेखी की और सजा सुना दी। पति के जेल जाने से उसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। Image result for  पत्नी बन चुकी दुष्कर्म पीडि़ता ने खुदी की पैरवी, पति हुआ दोषमुक्त

कोर्ट ने युवती की पीड़ा को सुनते हुए पति को दोषमुक्त कर दिया। दरअसल 27 मार्च को अधिवक्ता हड़ताल पर थे। पक्षकारों की ओर से पैरवी केलिए अधिवक्ता उपस्थित नहीं हो रहे थै। एक महीने बाद विजय उर्फ चीकू की अपील सुनवाई में आई थी। उसने बताया कि दतिया के सिविल लाइन थाने में उसकी मां ने विजय के खिलाफ केस दर्ज कराई थी। यह स्वेच्छा से विजय के साथ गई थी।

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