द ब्लाट न्यूज़ प्रदेश भर से आए करीब पांच हजार अतिथि शिक्षक सड़क पर मार्च करते हुए राजधानी के नीलम पार्क पहुंचे। अतिथि शिक्षक महासंघ के बैनर तले प्रदेश भर आए अतिथि शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेशाध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर से करीब पांच हजार अतिथि शिक्षक आए हैं।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि विगत 15 वर्षों से बहुत ही कम मानदेय पर सेवाएं देते आ रहे हैं। इतने वर्षों का शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। अतिथि शिक्षकों को कभी भी सेवा में लेकर कभी भी हटा दिया जाता है, जबकि छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब सहित कई राज्यों ने अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित किया है। अतिथि शिक्षक भले नियमित नहीं हुए हों पर उनको बेरोजगार नहीं किया जाता हैं।
महासंघ के सुनील परिहार ने बताया कि कार्यरत अतिथि शिक्षकों के स्थान पर सीधी भर्ती, पदोन्नति और स्थानांतरण से कोई भी शिक्षक नहीं आ सकता। इस तरह से अन्य राज्यों ने अतिथि शिक्षकों का पद स्थाई कर दिया है। इसके साथ ही उन्?हें सम्मानजनक वेतन दिया जाता है और प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि की जाती है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण वर्षों सेवा देने के बाद हजारों अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं।
महासंघ ने मांग की कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री हमारे मंच पर आकर अतिथि शिक्षकों के हित में आदेश जारी करवाएं। हम इसका स्वागत करेंगे, सरकार के साथ हैं। अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो भाजपा को चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा।