द ब्लाट न्यूज़ । केरल पुलिस ने त्रिक्काकरा सीट से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार डॉ. जो जोसेफ का फर्जी अश्लील वीडियो अपलोड करने के संदेह में एक व्यक्ति को मंगलवार को पड़ोसी राज्य तमिलनाडु से हिरासत में लिया।
त्रिक्काकरा पुलिस थाना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध एर्नाकुलम जा रहा था और उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67ए के तहत इस संबंध में मामला दर्ज किया है।
आईटी अधिनियम की धारा 67ए के तहत यौन रूझान वाली सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने वाले व्यक्ति को दंडित करने का प्रावधान है। इसके तहत पहली बार अपराध के लिए अधिकतम पांच साल की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा देने का प्रावधान है। दूसरे या बाद के अपराध के लिए अधिकतम सात साल कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
अधिकारी के मुताबिक, संदिग्ध के फोन की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पिछले हफ्ते पुलिस ने चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने फर्जी वीडियो साझा करने के साथ ही उस पर टिप्पणी की थी और ये सभी वर्तमान में जमानत पर हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एम स्वराज की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। ऐसी अफवाहंड हैं कि जिस व्यक्ति पर वीडियो अपलोड करने का संदेह है, वह कथित रूप से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) से जुड़ा हुआ है। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और यूडीएफ ने इस आरोप से इनकार किया है।
कोट्टक्कल के आईयूएमएल विधायक आबिद हुसैन थंगल ने संवाददाताओं से कहा कि संदिग्ध कभी भी पार्टी या उसकी युवा शाखा की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं था और उन्होंने उसे पहली बार टीवी पर देखा है।
इस बीच, जोसेफ ने संवाददाताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए और लोगों को पता चले कि हकीकत क्या है।
उन्होंने कहा कि यूडीएफ ने दलील दी है कि पुलिस ने केवल फर्जी वीडियो साझा करने वालों को गिरफ्तार किया है, न कि इसे अपलोड करने वालों को।
जोसेफ ने कहा कि अब जिस व्यक्ति पर वीडियो अपलोड करने का संदेह है, वह मिल गया है और माना जाता है कि वह एक यूडीएफ कार्यकर्ता है। उन्होंने कहा कि फर्जी वीडियो उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए और एलडीएफ उम्मीदवार को निशाना बनाने के मकसद से प्रसारित किया गया था।
माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने आरोप लगाया कि फर्जी वीडियो के पीछे यूडीएफ का हाथ है, क्योंकि उसे उपचुनाव में हार का डर है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की घिनौनी हरकतें इस बात का संकेत देती हैं कि विपक्ष की जीत की क्या संभावनाएं हैं।
बालकृष्णन ने दावा किया कि इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई और पुलिस इसमें शामिल सभी लोगों की तलाश में जुटी है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने वाम मोर्चे के आरोपों का खंडन किया और कहा कि फर्जी वीडियो एलडीएफ की अंदरूनी समस्याओं का नतीजा है। उन्होंने कहा कि वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति के आईयूएमएल कार्यकर्ता होने के आरोप झूठे हैं।