गोस्वामी तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ में लिखा है कि जिस प्रकार बड़े जलाशय की मछलियां हमेशा सुखी रहती हैं, उसी प्रकार प्रभु की शरण में गए शख्स के सामने कोई भी अड़चन नहीं आती है। जो शख्स अपने कर्म पर पूरा ध्यान लगाकर ईश्वर पर विश्वास करता है, भगवान भी पग-पग …
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