“दो और दो प्यार” और “शर्माजी की बेटी” को मिली सराहना के बाद एलिप्सिस एंटरटेनमेंट, जो सिनेमाई विषयों की अपनी पसंद के लिए जाने जाते हैं। वे 1971 के कुख्यात घोटाले पर आधारित एक अनटाइटल फिल्म पर काम कर रहे हैं, जिसमें कथित डबल एजेंट रुस्तम नागरवाला ने दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा से बड़ी रकम के लिए धोखाधड़ी की थी।
यह फिल्म भारत के बैंकिंग इतिहास के सबसे सनसनीखेज घोटालों को बहुत ही गहराई से दर्शाएगी जिसकी जांच दिल्ली पुलिस की एक टीम ने की थी, जिसका नेतृत्व तत्कालीन चाणक्य पुरी के SHO हरि देव कौशल ने किया था। हरि देव उन पुलिस कर्मियों के समूह से थे जो न केवल अपने काम में असाधारण थे बल्कि परोपकारी भी थे। जब 91 वर्ष की उम्र में उनका निधन हुआ, तो उन्हें प्यार से पंडितजी कहकर बुलाया जाता था, लेकिन वह पुलिस इतिहास में एक ऐसे दमदार अफसर के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने इस परंपरा को तोड़ दी थीं ।
हरि देव कौशल संयोग से स्क्रीन एक्टर्स राहुल देव और मुकुल देव के पिता हैं। यह और भी दिलचस्प बात है कि मुकुल खुद हंसल मेहता की ‘ओमेर्टा’ के राइटर हैं। उन्होंने सुप्रतिम सेनगुप्ता और कुणाल अनेजा के साथ मिलकर राइटिंग टीम में शामिल होकर केस पर तगड़ी रिसर्च प्राइमरी और सेकेन्ड्री सोर्सेज के जरिए की।
एलिप्सिस हरि देव कौशल के रोल के लिए कास्टिंग कर रहा है, और इसके बाद एक कलाकारों की एक टीम है जो केस से जुड़े कई कैरेक्टर्स को गहराई और प्रामाणिकता के साथ पेश करेगी।
एलिप्सिस के पार्टनर तनुज गर्ग ने कहा, “जासूसी शैली का एक बहुत बड़ा फैन होने के नाते, मुझे ये केस पढ़ने में बहुत दिलचस्प लगा, जो आज तक रहस्य में घिरा हुआ है। जांच से जुड़े कई लोग, जिनमें मुख्य संदिग्ध भी शामिल है, घटना के कुछ महीनों के भीतर ही मर गए। हम अपने कलाकारों को चुनने और जल्द ही शूटिंग शुरू करने का इंतजार नहीं कर सकते।”
अतुल कस्बेकर ने कहा, “1990 में मेरा पहला फोटोग्राफिक असाइनमेंट राहुल और मुकुल देव के साथ था, जो मेरे दोस्त भी हैं। मुझे उनके पिता हरि देव जी से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने का सौभाग्य मिला। यह काव्यात्मक है कि वे इस सम्मोहक कहानी के हीरो हैं।”