नई दिल्ली। कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद संजय निरुपम को ”पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीनता” के आरोप में बुधवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बयानों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए संजय निरुपम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इससे पहले, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई में पार्टी की प्रचार समिति की बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा था कि कांग्रेस ने निरुपम का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। निरुपम ने कहा है कि वह बृहस्पतिवार को अपना रुख बताएंगे।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीट में से मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट समेत चार के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद निरुपम ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा था। बताया जाता है कि निरुपम मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। मुंबई उत्तर से सांसद रह चुके निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) के आगे दबाव में नहीं झुकना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा था कि मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस को बर्बाद करने की अनुमति देने के समान है। निरुपम एक समय शिवसेना में भी रह चुके हैं। उन्होंने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी। उन्होंने उत्तर भारतीय फेरीवालों का मुद्दा उठाया था और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वर्ष 2009 के चुनाव में, उन्होंने मुंबई उत्तर सीट से जीत हासिल की थी।