मुंबई : देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8 मार्च को समाप्त सप्ताह में 10.47 अरब डॉलर बढ़कर दो साल के उच्चतम स्तर 636.1 अरब डॉलर पर पहुँच गया। यह 14 जुलाई 2023 को समाप्त सप्ताह के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी छलाँग है। आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.55 अरब डॉलर बढ़कर 625.63 अरब डॉलर हो गया था।
बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है क्योंकि यह डॉलर की प्रचुर आपूर्ति को दर्शाता है जो रुपये को मजबूती प्रदान करता है। विदेशी मुद्रा भंडार बढऩे से आरबीआई के लिए रुपये के अस्थिर होने पर उसे स्थिर करने की अधिक गुंजाइश होती है।
आरबीआई रुपये को भारी गिरावट से बचाने के लिए अधिक डॉलर जारी करके हाजिर और वायदा मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करता है। इसके विपरीत, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से आरबीआई के पास रुपये को सहारा देने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए कम गुंजाइश बचती है।
विदेशी मुद्रा भंडार पर अच्छी खबर भी उस दिन आई है जब देश के निर्यात के 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँचने और व्यापार घाटे में गिरावट के आँकड़े जारी किए गए। यह देश के विदेशी व्यापार संतुलन के मजबूत होने का संकेत देता है जो आगे चलकर रुपये के लिए शुभ है।
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