नई दिल्ली: संसद में एक 143 सांसदों के निलंबन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है. बसपा (BSP) सुप्रीमो ने सांसदों के निलंबन बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए इसे सरकार और विपक्ष दोनों के लिए ग़लत बताया और कहा कि विपक्ष विहीन संसद का होना ठीक नहीं है. इस तरह आरोप प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा. इसके साथ ही उन्होंने संसद की सुरक्षा में हुई सेंधमारी की घटना पर भी चिंता जताई.
बसपा सुप्रीमो ने गुरुवार को प्रेस वार्ता करते हुए सांसदों के निलंबन पर अपनी बात रखी और कहा कि संसद के दोनों सदनों में क़रीब डेढ़ सौ रिकॉर्ड सांसदों का निलंबन होना सरकार और विपक्ष के लिए कोई कीर्तिमान नहीं हैं. इसके लिए किसी की भी गलती हो, लेकिन संसदीय इतिहास के लिए ये घटना अति दुखद और लोगों के विश्वास को आघात पहुँचाने वाली है. इसके साथ ही संसद परिसर में माननीय सभापति का मजाक उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित और अशोभनीय है
सांसदों के निलंबन पर मायावती की प्रतिक्रिया
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस तरह से सरकार और विपक्ष के ज़बरदस्त मतभेद, टकराव और तनाव की घटनाओं से देश के लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं से शर्मसार होने से बचाना जरूरी है. साथ ही विपक्ष विहीन संसद में देश व आमजन के हित से जुड़े अति महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना भी अच्छी परंपरा नहीं है. देश में संसदीय परंपराओं को बचाने की ज़िम्मेदारी किसी एक दल की नहीं बल्कि सभी की है.