धनतेरस का त्यौहार कल,इन बातों का अवश्य रखें ध्यान….

कानपुर: 10 नवंबर को धनतेरस से यम पंचक शुरू हो जाएगा। पांच दिनों के इस उत्सव में कई विशेष मुहूर्त मिलेंगे। मान्यता है कि धनतेरस पर पूजन व खरीदारी करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। धनतेरस पर पूरे दिन कोई भी नया सामान व धातु खरीद सकते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक लगातार 5 पर्व होते हैं। शास्त्रों में इन पांच दिनों को यम पंचक कहा गया है। इन पांच दिनों में यमराज, वैद्यराज धन्वंतरि, लक्ष्मी-गणेश, पवनसुत हनुमान, काली जी और गोवर्धन भगवान का पूजन किया जाता है। इन पांच दिनों में विशेष मुहूर्त बन रहे हैं। धनतेरस पर निर्बाध मुहूर्त धनतेरस पर्व पर त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12.35 बजे से 11 नवंबर को दोपहर 1:57 बजे तक रहेगी। इस तरह से 24 घंटे तक कभी भी खरीदारी की जा सकती है। दीपावली और नरक चतुर्दशी 12 को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर 2. 44 बजे होगा। नरक चतुर्थी के दिन काल स्नान की परंपरा है। इसलिए उदया तिथि को देखते हुए नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इसी दिन दीपावली भी है। जो लोग मां काली, हनुमान जी और यमदेव की पूजा करते हैं वे 11 नवंबर को नरक चतुर्थी यानी छोटी दिवाली का पर्व मनाएंगे। अमावस्या तिथि 12 को दोपहर 2:44 बजे से दीपावली 12 नवंबर को है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 12 नवंबर रविवार को दोपहर 2:44 बजे से शुरू हो जाएगी और 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 2:56 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर अमावस्या तो 13 नवंबर को होगी। अमावस्या तिथि में प्रदोष काल 12 नवंबर को प्राप्त हो रहा है, 13 नवंबर को प्रदोष काल के समय शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। इस वजह से इस साल दीपावली का त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। प्रदोष काल का मुहूर्त प्रदोष काल 12 नवंबर को शाम 5:11 बजे से 7:39 बजे तक रहेगा। इसमें वृषभ काल (स्थिर लग्न) 5:22 बजे से 7:19 बजे तक रहेगी। लक्ष्मी पूजा का प्रदोष काल का मुहूर्त का समय शाम 5:11 बजे से 7:39 बजे तक रहेगा। निशीथ काल का शुभ पूजा मुहूर्त रात 11:39 बजे से रात्रि 12:30 बजे तक रहेगा। यह अवधि लगभग 52 मिनट की होगी। गोर्वधन पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पूजन करते हैं। इसे अन्नकूट मनाते हैं। प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर को दोपहर 2.56 बजे से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 2.36 बजे खत्म होगी। उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा 14 नवंबर मंगलवार को होगी। शोभन योग में भाईदूज भाई दूज की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को दोपहर 2:37 बजे से दोपहर 3:19 बजे तक है। पर्व पर इस बार शोभन योग होगा। उदया तिथि के अनुसार, भाई दूज पर्व 15 नवंबर को भी मनाया जा सकता है।

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