गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ गणेश महोत्सव आज यानी की अनंत चतुर्दशी के मौके पर खत्म हो रहा है। बता दें कि इस साल 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। आज ही के दिन भगवान श्री गणेश का विसर्जन किया जाएगा। घरों व पंडालों में पिछले 10 दिनों से विघ्नहर्ता गणेश जी विराज रहे हैं।
हालांकि कुछ लोग गणेश स्थापना के तीसरे, पांचवे और सातवें दिन गणपति विसर्जन कर देते हैं। तो कुछ लोग मंगल की कामना करते हुए 10 दिनों के बाद भगवान गणेश का विसर्जन करते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको विसर्जन का शुभ मुहूर्त और गणेश विसर्जन के दौरान ध्यान रखने वाली कुछ जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।गणेश विजर्सन का शुभ मुहूर्त
सुबह 06:12 से लेकर 07:42 बजे के बीच में
सुबह 10:42 से लेकर दोपहर 03:11 के बीच में
शाम 04:41 से लेकर 06:11 के बीच में
शाम 06:11 से लेकर रात्रि 09:11 के बीच में
गणेशजी की पूजा अर्चना करें
गणेश विसर्जन से पहले गणेश भगवान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। फिर गणेश चालीसा का पाठ करें। इसके बाद एक लकड़ी के पाटे को गंगाजल से साफ करें और उस पर स्वास्तिक बनाएं। फिर लकड़ी के पाटे पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें और चारों कोनों पर एक-एक पूजा की सुपारी रख दें। अब गणेश जी की मूर्ति को उस पाटे पर रख लें और गणेश जी का जयघोष करते हुए गणपति बप्पा को फूल, फल, मोदक रखकर नए वस्त्र रखें। अंत में भगवान श्री गणेश की आरती करें।
मंगल कामना करते हुए घर से करें विदा
गणपति के पास रखी सभी चीजों की पोटली बनाकर भगवान गणेश जी के पास रख दें। फिर गणपति बप्पा से 10 दिनों के दौरान पूजा-पाठ में अंजाने से हुए गलती के लिए क्षमा याचना करें। मंगल की कामना करते हुए और गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे लगाते हुए बप्पा को पाटे सहित उठाकर अपने सिर या कंधे पर रख दें। इस तरह से उनको विसर्जन वाले स्थान पर ले जाएं।
ऐसे करें गणपति विसर्जन
जब गणपति को विसर्जन के स्थान पर लेकर जाएं तो वहां पर एक बार फिर कपूर जलाकर भगवान गणेश की आरती करें। साथ ही उनके पास रखी पोटली को फेंके नहीं, बल्कि बड़े सम्मान के साथ सभी को गणेश जी के साथ विसर्जित कर दें।
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