द ब्लाट न्यूज़ बीजेपी सरकार कर्मचारी संगठनों के साथ बदले की भावना से कार्य करने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। जिसे शनिवार को इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने भाजपा सरकार के नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश भर के कर्मचारी संगठनों को विरोधी मानकर अस्तित्व समाप्त करने की कार्रवाई कर रही है।उन्होंने कहा कि इसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा इसका देश भर में प्रबल विरोध किया जाएगा। वहीं प्रेमचंद ने बताया कि सरकार कर्मचारी संगठनों की मान्यता समाप्त करने की नीति पर चल रही है।
मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य एवं अधिकारी कर्मचारियों की मांगों पर संगठनों के साथ बैठक कर समस्या को सुलझाया नहीं जा रहा है तथा उनके पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नीति संशोधित करके संगठनों के अध्यक्ष,महामंत्री जनपदों के अध्यक्ष,मंत्री के स्थानांतरण किए जा रहे हैं। जिसमें बायोमेट्रिक प्रणाली लगाकर उन्हें 9 से 6 बजे तक कार्यालय में बैठना अनिवार्य कर दिया गया है। उनकी हाजिरी तीन बार ली जा रही है जब वे कार्यालय में ही 9 से 6 बजे तक बैठे रहेंगे तो सचिवालय विभागीय अधिकारियों से संपर्क कैसे करेंगे।प्रेमचंद ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी के स्थानांतरण करने से संगठन कमजोर होते जा रहे हैं।
सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ राज्यों में अभी तक नहीं मिल पाया है जिसके लिए वह आंदोलनरत हैं। वहीं राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारी संगठन की बुरी हालत है। स्थानांतरण नियमावली में संशोधन करके संगठन के अध्यक्ष महामंत्री एवं जनपदीय अध्यक्ष,मंत्री के स्थानांतरण कर दिए गए हैं। कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।सातवें वेतन आयोग के अनुरूप कैडर पुनर्गठन करके विसंगतियां दूर नहीं की जा रही है। संगठन के पदाधिकारियों को 9 से 6 बजे तक कार्यालय में बैठना अनिवार्य कर दिए गए हैं जिससे कर्मचारियों की समस्याओं की पैरवी नहीं हो पा रही है।
संगठनों के नेताओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारी संगठनों के कार्य को रोकना जारी रहा तो इप्सेफ पुरानी पेंशन बहाली व संगठन विरोधी कार्रवाई के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेगा।
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