द ब्लाट न्यूज़ जिला कोर्ट इंदौर ने काली कमाई करने वाले पूर्व सीईओ (मुख्य कार्यपालन अधिकारी) लखनसिंह राजपूत को चार वर्ष की कैद दो करोड़रुपए अर्थ दंड की सजा से दंंडित किया। साथ ही कोर्ट ने आरोपी की अन्य अचल संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए। लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने लगभग 12 वर्ष पहले आरोपी लखनसिंह को इंदौर स्थित ठिकानों पर छापे मारकर चार करोड़ से अधिक संपत्ति पकड़ी थी, जबकि छापे के समय तक आरोपी की नौकरी में आय 38 लाख 83 हजार रुपए ही हुई थी। आरोपी लाखन सिंह पूर्व से एक धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद है। विजय नगर इंदौर निवासी आरोपी लाखनसिंह पिता वासुदेव सिंह राजपूत छापे केवत जनपद पंचायत सेंधवा (बड़वानी) में मुख्य कार्यालन अधिकारी (सीईओ) था। फैसला मंगलवार को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गठित विशेष न्यायालय इंदौर के विशेष न्यायाधीश राकेश गोयल ने सुनाया।
आरोपी लाखन सिंह धोखाधड़ी के एक मामले मं खरगोन जेल में बंद है। मंगलवार को जिला कोर्ट इंदोर ने उसे चार साल की कैद की सजा सुनाई। चार वर्ष की कैद की सजा में आरोपी की जमानत नहीं होती। ताजा फैसले में कोर्ट ने उसे जेल भेजने के भी आदेश दिए। अगर वह पहले से जेल में नहीं हेाता तो उसे मंगलवार को हुए ताजा आदेश में जेल जाना पड़ता। लोकायुक्त पुलिस इंदौर को आरोपी सीईओ लाखन सिंह राजपूत के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति होने की सूचना प्राप्त हुई थी। इस पर तस्दीक के बाद 11 नवम्बर 2011 को अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
जांच के दौरान पता चला कि जनवरी 1979 से 11 नवम्बर 2011 की अवधि में अपने वैध स्त्रातों (नौकरी) से कुल 3883457 रुपये की आय अर्जित की जबकि आरोपी ने उक्त अवधि में चल-अचल संपत्ति एवं विभिन्न मदों पर कुल 45899399 रुपए का व्यय किया। इस तरह नौकरी से हुई आय कम कर दी जाए तो आरेापी ने चार करोड़ 20 लाख 15 हजार 942 रुपए की अनुपातहीन सम्पत्ति अवैध रूप से प्राप्त की। लोकाुयक्त पुलिस ने 11 सितम्बर 2013 को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) इंदौर में चालान पेश किया था।
विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) इंदोर ने आरोपी लाखनसिंह राजपूत को आय से अधिक सम्पत्ति में दोषी पाते हुए चार वर्ष की कैद की सजा, दो करोड़ रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया। साथ ही अन्य अचल संपत्तियों कोराजसात करने का आदेश दिया। अर्थदण्ड अदा न करने पर आरोपी को एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक ज्योति गुप्ता ने पैरवी की।