लखनऊ: मुख्य मंत्री ने 102 बच्चों को स्माइल योजना से जोड़ा

द ब्लाट न्यूज़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की प्रेरणा से ‘स्माइल परियोजना’ प्रारम्भ की गयी। इसके प्रथम चरण के अन्तर्गत  देश के चुनिन्दा शहरों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के एक बड़े अभियान को संचालित किया जा रहा है। लखनऊ जिला प्रशासन ने स्वयं सेवी समूह (उम्मीद) के साथ मिलकर भिक्षावृत्ति में संलग्न परिवारों और बच्चों को पुनर्वासित करने के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। आज 102 बच्चों को ‘स्माइल परियोजना’ व ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के साथ जोड़ा गया है। यह सभी बच्चे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने  बच्चों से संवाद किया तथा उन्हें स्कूल किट प्रदान की। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने  कहा कि भिक्षाटन प्राचीन काल में भारतीय परम्परा का हिस्सा था। सन्यस्त द्वारा दिन में एक बार किसी एक परिवार से भिक्षाटन लिया जाता था। भिक्षाटन का उद्देश्य व्यक्तिगत अहंकार को त्याग कर समाज दर्शन द्वारा समाज को जानने और समझने का था। लेकिन यह कार्य वृत्ति व व्यवसाय के साथ जुड़ गया, तो इसका खतरनाक रूप हमें देखने को मिलता है। जिन बच्चों के पास स्कूल जाने का अवसर व उनके सुनहरे भविष्य के लिए सरकार की अनेक योजनाएं हैं, उन बच्चों को गिरोह द्वारा जबरन भिक्षावृत्ति में संलिप्त कर दिया जाता है। सरकार द्वारा भिक्षा को वृत्ति के रूप में लेने वाले गिरोहों का पर्दाफाश करने और इससे प्रभावित परिवारों का पुनर्वास करने के लिए ‘स्माइल परियोजना’ संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि 102 बच्चे जिनका पुनर्वास किया गया है, उन बच्चों में जीवन में कुछ करने का जज़्बा, उत्साह व उमंग है।

इन बच्चों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का कार्य प्रशासन का है। प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बेहतर ढंग से किया है।  इन बच्चों को स्कूल बैग, यूनीफॉर्म, बुक्स इत्यादि बेसिक शिक्षा परिषद उपलब्ध करा रहा है। प्रदेश सरकार वर्ष 2017 से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को स्कूल बैग, यूनीफॉर्म, बुक्स इत्यादि उपलब्ध करा रही है। राज्य सरकार वर्तमान में प्रदेश के 1 करोड़ 91 लाख बच्चों को यह सुविधा प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में कोविड से हुई जनहानि से अनाथ हुए बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे थे। उन बच्चों को ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना’ से जोड़ा गया। लेकिन कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से जिन बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों की मृत्यु कोरोना काल खण्ड के समय या उसके बाद हुई, उन बच्चों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना  प्रारम्भ की। अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण के लिए इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष की आयु तक 2,500 रुपये प्रतिमाह की दर से उपलब्ध कराने की व्यवस्था है, जिसे समय-समय पर महंगाई के अनुपात में बढ़ाया जाएगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों के साथ 03 से 05 वर्ष की आयु के बच्चों को जोड़ा जाए तथा पोषण की दिशा में कार्य किया जाए। ताकि इनका जीवन सही दिशा में आगे बढ़ सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय बना रही है। इसी सत्र से यह विद्यालय प्रारम्भ हो जाएंगे। यह विद्यालय सी0बी0एस0ई0 बोर्ड के पैटर्न पर संचालित होंगे। अटल आवासीय विद्यालयों में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चे व अनाथ बच्चे पढ़ेंगे। इन विद्यालयों में यह बच्चे कक्षा 01 से 12 तक की निःशुल्क व आवासीय शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। आने वाले समय में प्रदेश सरकार प्रत्येक जनपद में एक अटल आवासीय विद्यालय, प्रत्येक विकास खण्ड में एक अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना के कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों व उनके अभिभावकों को शासन की योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाए। सभी सरकारी चिकित्सालयों में निःशुल्क इलाज की व्यवस्था है। गरीबों के लिए आयुष्मान भारत योजना की सुविधा है। लगभग 10 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 05 लाख रुपये तक का सालाना स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। किसी भी इम्पैनल्ड हॉस्पिटल में जाकर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है।

हर जरूरतमन्द को निःशुल्क राशन की सुविधा विगत सवा तीन वर्षां से लगातार प्रदान की जा रही है। गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। डबल इंजन की सरकार हर जरूरतमन्द, गरीब और वंचित व्यक्ति के साथ खड़ी और उनके लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री  बेबी रानी मौर्य, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल , सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा  दीपक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास  अमृत अभिजात, मण्डलायुक्त लखनऊ  रोशन जैकब, महानिदेशक बेसिक शिक्षा  विजय किरन आनन्द, जिलाधिकारी  सूर्यपाल गंगवार, उम्मीद संस्था के पदाधिकारी आदि  उपस्थित रहे।

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