द ब्लाट न्यूज़ जच्चा बच्चा की देखभाल के लिए आशा वर्कर घरों का भ्रमण करेंगी। शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अहम कदम उठाया है। घरेलू और संस्थागत प्रसव के बाद आशा स्वास्थ्य की जानकारी लेंगी। बीमार शिशुओं को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद करेंगी। बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि सुविधा होम बेस्ड न्यूबार्न केयर कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया है। इसे और रफ्तार देने की आवश्यकता है।
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा होम बेस्ड न्यूबार्न केयर कार्यक्रम चलाया जा रहा है।उन्होंने बताता कि प्रदेश में हर साल करीब 55 लाख प्रसव हो रहे हैं। बहुत से प्रसव घर में हो रहे हैं। इसकी तमाम वजह यह भी है कि प्रसव पीड़ा के बाद भी काफी देर तक घर में गुजारना,दाईयों से प्रसव कराना आदि है। वहीं अस्पतालों में प्रसव के बाद जल्द से जल्द प्रसूता और शिशु को डिस्चार्ज किया जा रहा है।
ताकि जच्चा-बच्चा को अस्पताल के संक्रमण से बचाया जा सके। शिशु और प्रसूता की सेहत की देखभाल के लिए होम बेस्ड न्यूबार्न केयर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षित आशा शिशु और मां की सेहत का हाल लेने के लिए घर आएंगी। यह प्रक्रिया 42 दिन चलाई जाएगी। संस्थागत प्रसव के मामले में छह बार आशा घर आएंगी। जबकि घरेलू प्रसव में सात बार आशा घर आकर शिशु और प्रसूता की सेहत का हाल लेंगी। शिशु देखभाल के लिए आशा द्वारा जच्चा अपना ख्याल कैसे रखें और खान-पान क्या रखना है,कब टीका लगवाने की जानकारी प्रदान करेंगी। बीमार जच्चा बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद करेंगी।
होम बेस्ड न्यूबॉर्न केयर को बेहतर संचालन के निर्देश दिए गए हैं,मातृ एवं शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में तेजी से कमी आ रही है। इसमें और सुधार के बावत लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारियों को कार्यक्रम की निगरानी के निर्देश दिये हैं। समय-समय पर कार्यक्रम की प्रगति के बारे में अवगत कराने के लिए भी निर्देशित किया गया है। आशा को समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाये।
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