द ब्लाट न्यूज़ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थानांतरण नीति और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्ति में वरीयता देने के लिए इप्सेफ ने निर्णय को स्वागत योग्य बताया। बुधवार को इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थानांतरण नीति की घोषणा का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की है कि बीते वर्ष में लोक निर्माण और स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण नीति के विपरीत स्थानांतरण कर दिए गए थे। जिसकी वजह से कर्मचारियों को आंदोलन के लिए लामबंद होना पड़ा था।
उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अभी भी कुछ संघ के अध्यक्ष मंत्री ,दाम्पत्य नीति,दिव्यांग एवं गंभीर रोग से ग्रसित कर्मियों के स्थानांतरण अफसरशाही के कारण निरस्त नहीं हुए। जिससे कर्मचारी संगठन में अभी भी नाराजगी व्याप्त है। स्थानांतरण नीति में कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष,महामंत्री एवं जनपदों के अध्यक्ष,मंत्री के स्थानांतरण पर रोक है । उन्होंने कहा कि अधिकारी उसका गलत अर्थ निकालते हैं कि अगर वह दोबारा निर्वाचित हो जाता है तो यह नियम लागू नहीं होता है। जबकि नीति में ऐसा कुछ उल्लेखनीय नहीं है और ना सरकार की मंशा है।
वहीं इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि उप मुख्यमंत्री चिकित्सा स्वास्थ,परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा आदेश दिए जाने पर स्थानांतरण निरस्त नहीं हुए स्थानांतरण नीतियों में भी व्यवस्था है कि यदि कोई शिकायत करता है तो उसकी पुष्टि करने के बाद जांच में दोषी पाए जाने पर ही स्थानांतरण या दंडित किया जाए,हकीकत यही है कि पूर्णतया अनुपालन नहीं किया जा रहा है।श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि विगत वर्ष की भांति गलत स्थानांतरण करने के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए तथा विगत के गलत स्थानांतरण जो निरस्त नहीं हुए हैं उन्हें तत्काल निरस्त किया जाए।
उन्होेंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों को एजेंसी से मुक्ति दिलाने उनकी सेवाएं सुरक्षित करने व योग्यता अनुसार वेतन देने तथा नियुक्तियों में वरीयता देने के निर्णय कराने का इप्सेफ स्वागत करता है और यह व्यवस्था केंद्र व अन्य राज्य सरकारे भी लागू क रेंगी। जिससे लाखों युवा बेरोजगारों का भविष्य उज्जवल हो सकेगा।
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