THE BLAT NEWS:
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश पुलिस ने डॉ बी.आर. अंबेडकर की तस्वीरों वाली कागज की प्लेटों पर खाना परोसने वाले एक होटल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग करने वाले शिकायतकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है। आंध्र प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष पेश अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में जानकारी दी कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को ट्विटर और सोशल मीडिया के माध्यम से एक शिकायत मिली थी कि आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले के अन्नपूर्णा रेस्तरां में डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीर वाली कागज की प्लेटों पर भोजन परोसा जा रहा है। पता चला है कि जब इन थालियों में दलितों को खाना परोसा गया तो उन्होंने इसका विरोध किया और रेस्टोरेंट मालिक के साथ उनकी कहासुनी भी हुई और इसके बाद रावलपलेम थाने में दोनों पक्षों पर मामला दर्ज हुआ। पहला मामला होटल मालिक के खिलाफ दर्ज किया गया था जबकि दूसरा मामला 18 दलित युवकों के खिलाफ दर्ज किया गया था। आयोग ने इस घटना का स्वयं संज्ञान लिया और आंध्र प्रदेश सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच कराने को कहा।
विजय सांपला ने आंध्र प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दलित युवकों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी जाए और होटल मालिक, जो डॉ अंबेडकर की तस्वीरों वाली कागज की प्लेटों पर भोजन परोसने के लिए जिम्मेदार था, को कानून के अनुसार दंडित किया जाए।एनसीएससी के निर्देश को लागू करने के उपरांत आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव ने एनसीएससी को दिए एक्शन टैकन रिपोर्ट में कहा कि जिला पुलिस ने अनुसूचित जाति समुदाय के 18 युवाओं के खिलाफ प्राथमिकी को खारिज कर दिया था, जो रेस्तरां के खिलाफ शिकायतकर्ता थे। साथ ही, आयोग के निर्देश अनुसार रेस्तरां मालिक के खिलाफ शिकायत में एससी/एसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं और आईपीसी की धारा 295, 506 और 504 को जोड़ा गया है।मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के माध्यम से यह भी पता कर रही है कि कागज की प्लेटों पर फोटो छापने वाला प्रिंटर कौन है। राज्य सरकार ने आगे कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधों को गंभीरता सेलेती है।