मेंटाना को 2018 में दी गई चेतावनी के बाद नहीं हुई एफआईआर

THE BLAT NEWS:

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2018 के विधानसभा चुनावों के समय निर्माता कंपनी मेंटाना के खिलाफ प्रदेश में हो रहे गुणवत्तविहीन निर्माण के विरुद्ध एफआइआर करने की चेतावनी दी थी मगर जैसा कि भाजपा और सूत्र बताते हैं कि मेंटाना द्वारा इस चेतावनी के बाद कुछ व्यवस्था कर देने की वजह से यह एफआइआर आज तक दर्ज नहींं हुई प्रदेश में कुछ दिनों पहले भ्रष्ट अधिकारियों की फाइलें मंगाई थी और उनके खिलाफ एफआइआर करने की चेतावनी दी थी मगर आज मुख्यमंत्री की चेतावनी के 15 दिन गुजरने के बाद आज तक न तो उन अधिकारियों की फाइलें मंगाई गई और न ही उन पर विचार किया गया एफआइआर का तो सवाल ही नहीं उठता वैसे शिवराज अपने पूरे कार्यकाल में गुणवत्ताविहीन बीज किसानों को उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के खिलाफ कभी झाबुआ में तो कभी छतरपुर के गांवों में जाकर किसानों के सामने उन कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की चेतावनी देते हैं मगर आज इतने दिन गुजर जाने के बाद भी किसी भी गुणवत्ताविहीन कम्पनी के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हुई यह शिवराज के कार्यकाल का इतिहास है, इससे भाजपा व आम लोगों में चर्चा है कि यदि एफआइआर दर्ज कराना है तो सबसे पहले भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायें जिनके ऊपर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप समय-समय पर लगे, यही नहीं शिवराज सरकार के  18 वर्ष के कार्यकाल में अनेकों घोटाले हुए हैं उन घोटालों की रिपेार्ट आज तक सामने नहीं आ पाई यही नहीं जिस सनातन संस्कृति की भाजपा दुहाई देती है उसी सनातन धर्म के सबसे बड़े पर्व सिंहस्थ कुंभ महोत्सव के दौरान भी घोटाले को लेकर भी काफी हो हल्ला मचा था लेकिन वह घोटाले को भी दबा दिया गया था यही नहीं मप्र के जिन आईएएस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनमें सुलेमान के लिखाफ काफी आरोप हैं लेकिन सुलेमान पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप रफा-दफा हो गये, सुलेमान पर लगे शिवराज के शासनकाल में जो पर्चा बंटा था उस पर्चे के अनुसार सुलेमान पर स्वास्थ्य विभाग में कई घोटाले करने के आरोप लगे थे, वहीं आकाश त्रिपाठी पर भी स्वास्थ्य विभाग में घोटाले का आरोप है, ऐसे एक नहीं अनेकों घोटालों की गूंज इस प्रदेश में समय-समय पर गूंजी है। तो वहीं जहरीली शराब से हुई मौतों में भी मप्र पीछे नहीं रहा है, शिवराज सरकार के शासनकाल में 2016, 2017, 2018, 2019, 2020 और 2021 में भी जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गई थी मगर उन मौतों का जिम्मेदार शराब कारोबारी तो धड़ल्ले से शराब का कारोबार कर रहे हैं और इस प्रदेश को स्वच्छ प्रशासन देने का ढिंढोरा पीटने वाले आबकारी मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में 14 लोगों की मौतें हुई थी उस शराब कारोबारी के खिलाफ क्या कार्रवाही हुई यह तो पता नहीं लेकिन यह जरूर है कि जहरीली शराब के अपने ही क्षेत्र के मतदाताओं की मौतों के बदले में जहरीली शराब कारोबारी विक्रेता के बेटे से राज्य के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने सोने की चेन भेंट में ले ली थी, पता नहीं मुरैना, उज्जैन सहित अन्य शहरों में जहरीली शराब से मौतों के बदले में आबकारी मंत्री ने क्या-क्या जहरीली शराब से कारोबारियों से भेंट ली यह जांच का विषय है आज जिस आतंकवाद को खत्म करने का सीएम चेतावनी दे रहे हैं लेकिन उन्हीं के मंत्रीमण्डल के सदस्य जब जगदीश देवड़ा तत्कालीन गृह मंत्री थे तो उनके द्वारा अपनी भजकलदारम की नीति के चलते सिमी के आतंकवादी को जेल से छोडऩे की सिफारिश की थीImage result for शिवराज सिंह चौहान

लेकिन उसके बावजूद मुख्यमंत्री ही नहीं प्रधानमंत्री तक आतंकवाद खत्म करने की चेतावनी देते हैं तो वह राज्य के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कर्नाटक चुनाव के दौरान अपने श्रीमुख से यह तो दावा करते हैं कि हमने सिमी के नेटवर्क को खत्म कर दिया है लेकिन वह यह नहीं कहते कि हमारे ही मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार के तत्कालीन गृह मंत्री ने अपनी भजकलदारम की कार्यशैली के चलते सिमी के आतंकवादी को रिहा करने की सिफारिश की और जब सरकार की बदनामी हुई तो उसे जेल में बंद कर दिया भाजपा और मप्र सरकार की दोहरी नीति का परिणाम तो यह प्रदेश भोग ही रहा है। उन्हीं आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले तत्कालीन गृह मंत्री को शिवराज ने अपने मंत्रिमण्डल में वित्त विभाग की कमान दे रखी है उनकी वही भजकलदारम की कार्यशैली के चलते आज जिस प्रदेश को लेकर दिग्विजय सिंह पर भाजपा को लोग बीमारू राज्य होने का ढिंढोरा पीटते थे लेकिन शिवराज के कार्यकाल में अब भाजपा पुन: करोड़ों के कर्ज तले दब चुका है, अब भाजपा नहीं कह रहे कि प्रदेश में पैदा होने वाला बच्चा भी हजारों का कर्ज लेकर पैदा हो रहा है, इसी के चलते सरकार हो हर वर्ष कर्ज लेना पड़ रहा है। शिवराज सरकार की दोहरी नीति को अब प्रदेश के लोग समझने लगे हैं और इन दिनों जो शिवराज के द्वारा अपने चहेते भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही है उसे भी लोग इस सरकार की कथनी और करनी में अंतर समझ रहे हैं, तो लोग यह भी समझ रहे हैं कि भ्रष्ट अधिकारियोंं को चेतावनी देकर  2018 के चुनाव के समय मेंटाना कंपनी को दी गई चेतावनी की तरह चुनावी चंदा तो इक_ा करने का प्रयास तो नहीं है हालांकि इसी तरह का प्रयास शिवराज सिंह सौगात में मिली सरकार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जो कांग्रेसी विधायक आये थे उन्हें उपचुनाव लड़ाने के समय जो खेल इन विधायकों को चुनावी चंदा देने के लिए पंचायत विभाग के तमाम मदों से निकाले गये रुपयों से जो चुनाव लड़ाया गया था शायद वही इतिहास अब शिवराज पुन: 2023 के विधानसभा चुनाव में दोहराने वाले हैं इसके लिये भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ चेतावनी दी है? पंचायत विभाग से जुड़े कई अधिकारी यह तक कहते हैं कि सौगात में मिली सरकार में जो उपचुनाव में सिंधिया के साथ आए विधायकों के लिए जो राशि सरकार और पार्टी द्वारा उपलब्ध कराई गई थी वह राशि कोई पार्टी के द्वारा बल्कि पंचायत विभाग के खजाने से उपलब्ध कराये जाने की चर्चा पंचायत विभाग के अधिकारी दबी जुबान से करते हैं? सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री यह चेतावनी देते हैं कि माफिया को नही बख्शेंगे और भ्रष्ट अधिकारी मप्र छोड़ दें मगर उन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों के साथ गलबहैया करके उनसे ही केंद्र व राज्य सरकार की फर्जी आंकड़ों की रंगोली सजाकर सरकारी खजाने का चूना लगाने का खेल इस प्रदेश में शिवराज के राज में वर्षों से चल रहा है यही वजह है कि मुख्यमंत्री जब चेतावनी देते हैं कि आतंकवादियों को नहीं छोड़ेंगे मगर वह सिमी जैसे आतंकवादियों को भजकलदारम की शैली के चलते जेल से रिहा करने वाले जगदीश देवड़ा के खिलाफ कार्रवाही क्यों नहीं करते जिनकी बदौलत इस राज्य में आतंकवादी बड़े हैं मप्र को अभी तक शांति का टापू कहा जाता था उसी शांति के टापू मप्र की नरेला जैसी विधानसभा जिसके बारे में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबूलाल गौर ने इसी मप्र विधानसभा में कहा था कि वहां जुआरी और सटोरिए पनप रहे हैं आज उसी विधानसभा में आतंकवादियों का पनपने की खबरें सुख्र्रियों में हैं लेकिन आतंकवादियों को खत्म करने वाले मुख्यमंत्री अपने ही मंत्रियों के खिलाफ कुछ नहीं कर रहे हैं इससे मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में फर्क स्पष्ट नजर आ रहा है यदि मुख्यमंत्री आतंकवादियों को खत्म करने के लिये इतने ही चिंतित हैं तो पहले अपने उन मंत्रियों के खिलाफ तो कुछ कार्यवाही करने की जहमत करें, जिनकी बदौलत इस प्रदेश में आतंकवाद बढ़ा है?

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