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मुंबई । बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो को आदेश दिया है कि क्रूज शिप ड्रग्स छापे के बाद आर्यन खान की गिरफ्तारी से संबंधित कथित 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने से परहेज करे। समीर वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व-मुंबई जोनल निदेशक हैं। न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की एक अवकाशकालीन पीठ ने यह भी कहा कि प्रथम ²ष्टया, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धारा 17ए के तहत एक कानूनी रोक थी, जो 2021 में हुए कथित अपराध के चार महीने के भीतर जांच को पूरा करने के लिए अनिवार्य करती है।
आईआरएस अधिकारी के वकील रिजवान मर्चेंट के अनुसार, चूंकि धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया है, न्यायाधीशों ने सीबीआई को 22 मई तक वानखेड़े के खिलाफ किसी भी कठोर कार्रवाई से रोक दिया है, जब मामले की अगली सुनवाई होगी।
वहीं वानखेड़े ने कहा कि उन्हें देश की न्यायपालिका और केंद्र सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह उन्हें झूठे मामले में न्याय दिलाएंगे, जिसमें उन्हें फंसाया जा रहा है।
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