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मऊ । राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक डा0 संजय कुमार सिंह ने लोगो को जागरूक करते हुए बताया कि हर साल डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी और इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सरकार डेंगू के खिलाफ लोगों को जागरूक करती है। डेंगू से बचाव के उपाय, लक्षणों की पहचान कर सही इलाज के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। डेंगू एक जानलेवा बीमारी है, जिसके शुरुआती लक्षण की पहचान न होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। डेंगू किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन बच्चों में इसका असर तेजी से देखा जाता है। डेंगू में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगते हैं। गर्मियों की शुरुआत में घर के आसपास मच्छरों की संख्या बढ़ने लगती है, जो कई वायरल बीमारियों का कारक बनता है। मानसून आते आते डेंगू के मच्छर पनपने लगते हैं। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 
बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के साथ ही मच्छर जनित कई रोगों की शिकायत बढ़ जाती है। डेंगू का संक्रमण मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी प्रजाति के मादा मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू के लक्षण आमतौर पर 2-7 दिन तक रहते हैं। इस बीमारी में बुखार के कारण प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते है। डेंगू से संक्रमित मरीज जितना संभव हो उतना आराम करें और खूब पानी पीएं। आगे डा0 सिंह ने डेंगू से बचाव के बारे में बोलते हुए कहा कि सावधानी ही बचाव है, इसके लिए घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें। किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद किसी की सलाह से दवा न लें।
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