THE BLAT NEWS:
इंदौर। मणिपुर हिंसा में फंसे प्रदेश के 23 छात्रों को एयरलिफ्ट कर सकुशल इंदौर लाया गया। यहां से सभी को अपने-अपने जिलों में बसों और अन्य साधन से भेजा गया। छात्रों के चेहरोंं पर हिंसा का डर और घर सकुशल पहुंचने की खुशी झलक रही थी। हिंसा के बीच गुजरे समय की आपबीती बताते हुए छात्रों का कहना था कि होस्टल के बाहर ही गोलीबारी और बस धमाके हो रहे थे। आंदोलनकारी आगजनी भी कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि अब नहीं बच पाएंगे। हास्टल के मेस में राशन खत्म हो रहा था, दाल-चावल ही पकाकर दिए जाते रहे। हिंसा के चार दिन बाद भोजन और पानी की दिक्कत होने लगी थी। मणिपुर हिंसा में फंसे बच्चे गत रात्रि आठ बजे विमान से इंदौर पहुंचे। इंदौर में रहने वाले तीन छात्रों को उनके परिजन लेने पहुंचे थे।बंगाली चौराहे पर रहने वाले प्रशांत कुंटे और उनकी पत्नी डॉ. गीतांजलि कुंटे शाम सात बजे ही एयरपोर्ट पहुंच गए थे। क्यांकि उनका एकलौता बेटा करण वापस आ रहा था। जैसे ही करण बाहर आया, दोनों ने बेटे को गले लगा लिया और आंखे छलक आई। नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी इम्फाल में एमए कर रहे करण ने बताया कि हालत बहुत खराब थे। बाहर निकल नहीं सकते थे और अंदर पानी और भोजन खत्म हो रहा था। चारों तरफ धमाके ही सुनाई दे रहे थे। उन्हें ऐसा ही हाल वेंकटेश नगर में रहने वाले अक्षय गुप्ता ने भी सुनाया।