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अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक चतुर्थ वर्ष के पाठ्यक्रम के निर्माण को लेकर कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल की अध्यक्षता में समस्त संकायाध्यक्ष व संयोजकों के साथ विचार-विमर्श एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कुलपति ने बताया कि एनईपी-2020 के तहत स्नातक चतुर्थ वर्ष के पाठ्यक्रमों का निर्माण किया जाना है। इसमें भारतीय ज्ञान परम्परा से सम्बन्धित विषय सामग्री को भी शामिल करना है। उन्होंने बताया कि स्नातक चतुर्थ वर्ष सत्र 2024-25 से चलेगा। इसके लिए सभी संयोजक पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाते हुए आगे की कार्यवाही शुरू कर दे। उन्होंने बताया कि एनईपी के तहत छात्रों द्वारा चतुर्थ वर्ष पूरा करने पर उन्हें बैचलर ऑफ रिसर्च इन फैकेल्टी की उपाधि दी जायेगी। छात्र को बैचलर इन फैकेल्टी की उपाधि प्राप्त करने के लिए स्नातक पाठ्यक्रम का तृतीय वर्ष उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा। कार्यशाला में कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि एनईपी के अन्तर्गत स्नातक चतुर्थ वर्ष को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दे। जिससे आगे पाठ्यक्रम को क्रियान्वित करने में कोई समस्या न आये।
कार्यशाला में कु0 मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बादलपुर गौतमबुद्ध नगर, जुलॉजी विभाग के प्रो0 दिनेश चन्द्र शर्मा ने एनईपी के तहत स्नातक के चतुर्थ वर्ष के पाठ्यक्रम निर्माण की संरचना पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने पाठ्यक्रम के संयोजकों के प्रश्नों का समाधान किया। कार्यशाला में विश्वविद्यालय एनईपी टास्क फोर्स के समन्वयक प्रो0 संत शरण मिश्र ने स्नातक चतुर्थ वर्ष में एनईपी के तहत पाठ्यक्रम के निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यशाला में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव उमानाथ द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में प्रो0 अजय प्रताप सिंह, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 राजीव गौड़, प्रो0 अशोक राय, प्रो0 फारूख जमाल, प्रो0 जसंवत सिंह प्रो0 अनुपम श्रीवास्तव, प्रो0 समीर सिन्हा, प्रो0 तुहिना वर्मा, डॉ0 पीके द्विवेदी, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 अभिषेक कुमार सिंह, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, इंजीनियर पारितोष त्रिपाठी सहित महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं पाठ्यक्रम संयोजक ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में मौजूद रहे।
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