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चित्रकूट । जिले के नगर निकाय के चुनाव में कब्जा जमाने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोक रही है। विपक्षी दल भी कोर कसर नहीं छोड़ रहे। आजादी के बाद से पिछले निकाय चुनाव में एक बार भाजपा व सपा के चेयरमैन बने। इस बार भाग्य किस पार्टी के साथ है यह 13 मई को स्पष्ट हो जाएगा।नगर निकाय चुनाव का डंका बज चुका है। भाजपा जिले में भगवा लहराने के लिए जोर आजमाइश में जुट गई है। नगर पालिका परिषद चित्रकूट समेत तीन नगर पंचायतों में आगामी 11 मई को मतदान होने हैं। जानकारी के मुताबिक विगत के निकाय चुनावों में भाजपा व सपा को एक-एक बार जीत मिली। ऐसे में इस बार हर बूथ को मजबूत करने में कार्यकर्ता एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। विपक्षी दल भी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरने को बेताब है। गौरतलब हो कि ज्यादातर निर्दलीय प्रत्याशियों का बोलबाला रहा। नगर पालिका में 1959 के प्रथम चुनाव में बसंतलाल चेयरमैन बने। 1964 में तरौंहा के गोपाल कृष्ण करवरिया ने बाजी मारी। 1971 और 1988 में भी गोपाल करवरिया चेयरमैन चुने गए। 1995 में निर्दल प्रत्याशी शशि देवी वर्मा अध्यक्ष चुनी गई। वर्ष 2000 में भाजपा से एक बार फिर चेयरमैन पद पर गोपाल कृष्ण करवरिया की वापसी हुई।
वर्ष 2006 में सपा प्रत्याशी लक्ष्मी देवी साहू ने जीत हासिल की। 2012 में गोपाल कृष्ण करवरिया की बहू नीलम करवरिया निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनीं। 2017 में नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे। जिसमें सपा प्रत्याशी नरेन्द्र गुप्ता ने जीत हासिल किया।इसी प्रकार नगर पंचायत मानिकपुर में राजनैिितक दलों का जादू नहीं चला। विनोद द्विवेदी नगर पंचायत अध्यक्ष चुने गए। नगर पंचायत राजापुर में निर्दल प्रत्याशी आदर्श द्विवेदी का कब्जा रहा। भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर नगर पालिका चेयरमैन नरेन्द्र गुप्ता, राजापुर नगर पंचायत अध्यक्ष आदर्श द्विवेदी व मानिकपुर अध्यक्ष विनोद द्विवेदी ने भजपा का दामन थाम लिया। इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार टिकट पाने की होड़ में है। अब देखना है किस दल का दबदबा अध्यक्ष पर होगा। 2023 के निकाय चुनाव में एक नगर पंचायत नई बनाई गई है। ऐसे में भाजपा समेत अन्य राजनैिितक पार्टियां भी इस नवस्रजित नगर पंचायत में कब्जा जमाने को लालायित है। जिसके लिए चुनावी विषात बिछ चुकी है।