THE BLAT NEWS:
कोरबा। तेज अंधड़ से अब विद्युत लाइन में आई तकनीकी खराबी को ढूंढने के लिए बिजली कर्मियों को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। फाल्ट पैसेज इंडीकेटर ;एफपीआइ, डिवाइस की मदद से वे कम समय में खराबी ढूंढ निकालेंगे। इस डिवाइस को 33 व 11 केवी की लाइन में हर 15 से 20 खंभों के अंतराल में लगाया जाएगा। अभी 30 से 35 किलोमीटर तक पैदल चलकर खराबी ढूंढनी पड़ती है।
छत्तीसगढ़ में अब विद्युत वितरण विभाग हाईटेक होगा। केंद्र सरकार के रिवेंज डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम आरडीएसएस के तहत पूरे राज्य में यह डिवाइस लगाया जाएगा। अकेले कोरबा जिले के लिए आरडीएसएस से 116 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ अत्याधुनिक तकनीक से निगरानी की जाएगी। लाइन में खराबी आने से सुधार कार्य में काफी समय लगता है। इस बीच 33 व 11 केवी लाइन से जुड़े पूरे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। अब एफपीआइ डिवाइस खराबी आने पर सब स्टेशन के कंट्रोल रूम में यह सूचित कर देगा कि किस खंभे में खराबी आई है। इससे सुधार टीम सीधे खराबी स्थल पहुंचेगी और कम समय में सुधार कार्य पूरा हो जाएगा। वर्तमान में कई बार ऐसी स्थिति आती है कि हर एक खंभे में चढ़कर कनेक्शन काटकर लाइन चेक करना पड़ता है। इस डिवाइस से समय की बचत होगी। वर्तमान में लाइन में खराबी आने से संबंधित सबस्टेशन से जुड़े पूरे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। इस डिवाइस की एक खासियत ये भी है कि इसके लगने के बाद केवल खराबी वाले क्षेत्र में ही बिजली आपूर्ति प्रभावित होगी। खंभे के तार से डिवाइस जुड़ा रहेगा और बिजली से ही संचालित होगा।
फाल्ट पैसेज इंडीकेटर केबल सिस्टम पर होने वाले अर्थ फाल्ट को ढूंढता है और उसे एक इनपुट के साथ आरएमयू में दिखाता है। जब सेटअप ट्रिप करंट सेटिंग पर करंट डिटेक्ट होता है, तो यूनिट उसके फाल्ट कंडीशन को संकेत करता है। फाल्ट करंट को केबल फ्रेम में लगे सेंसर भांप लेता है और वह यूनिट को इंडीकेट करने के लिए संकेत देता है। वितरण विभाग के अधीक्षण यंत्री पीएल सिदार ने बताया कि फाल्ट पैसेज इंडीकेटर भारतीय तकनीक से तैयार किया गया है। इसकी खरीदी एक निजी कंपनी से की जाएगी। वनांचल क्षेत्र में फाल्ट ढूंढना और अधिक मुश्किल होता है। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में खराबी आने के बाद कई दिनों तक बिजली आपूर्ति बंद रहती है। इसलिए पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में यह डिवाइस लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। रायपुर व अंबिकापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल्द काम शुरू होगा।