THE BLAT NEWS:
मुरैना । विद्युत मंडल के महाप्रबंधक पी.के. शर्मा उपमहाप्रबंधक भूपालशरण के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार विशेष न्यायाधीश विद्युत अधिनियम श्री राजीव राव गौतम मुरैना में प्रकरण क्रमांक 400394/2013 जो कि विचाराधीन आरोपी सिराजुद्दीन खान निवासी काजी कुंआ वाली गली इस्लामपुर मुरैना में स्थित अपने परिसर पर घरेलू उपयोग के लिये विद्युत वितरण कंपनी से विद्युत कनेक्शन कमांक 72-01-89547, जिसका परिवर्तित कनेक्शन क्रमांक एन-2442009514 प्राप्त किया था, जिससे बिजली का उपयोग आरोपी द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा था। आरोपी पर माह जनवरी 2013 तक विद्युत बिल की बकाया राशि 85 हजार 768 रूपये लंबित थी। इस बकाया राशि को जमा करने के लिये बिजली कंपनी द्वारा लगातार मांग के पश्चात् भी जमा न करने की स्थिति में 15 दिवसीय नोटिस आरोपी को दिया गया था। बकाया राशि आरोपी द्वारा जमा न करने पर विद्युत विभाग द्वारा आरोपी का विद्युत कनेक्शन पोल से अस्थाई रूप से काट दिया था, विद्युत विभाग द्वारा चैकिंग करने के दौरान आरोपी का अस्थाई रूप से काटा गया कनेक्शन अवैध रूप से जुड़ा हुआ पाये जाने पर आरोपी के विरुद्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 138 (ख) का केस बनाया गया। इस केस को न्यायालय मुरैना विद्युत अधिनियम में पेश किया गया। न्यायालय विशेष न्यायाधीश विद्युत अधिनियम जिला न्यायालय मुरैना के पीठासीन अधिकारी श्री राजीव राव गौतम द्वारा आरोपी सिराजुद्दीन खान पुत्र रियाजुद्दीन खान निवासी टंब रोड़ गंदी पोखर कांजी कुआ वाली गली इस्लामपुरा मुरैना पर विद्युत अधिनियम की धारा 138 (ख) के आरोपी को सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रमाणित मानकर दो वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई एवं प्रतिकर 85 हजार 768 तथा प्रतिक्रम के व्यतिकग में 06 माह का कारावास का निर्णय 1 अप्रैल 2023 को पारित किया गया हैविद्युत विभाग की ओर से प्रतिनिधित्व पैरवी संजय अग्रवाल अधिवक्ता द्वारा की गई। बिजली उपभोक्ताओं एवं आम नागरिकों से अपील है कि वह अपने परिसर में बिजली उपयोग हेतु स्थापित विद्युत कनेक्शन की बकाया राशि को तुरंत रूप से जमा करायें। बिजली चोरी एवं कटिया पाये जाने पर उनके विरुद्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश कर कानूनी कार्यवाही कराई जायेगी। बकायादार उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा न करने की दशा में उनके विरुद्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 138 (ख) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर माननीय न्यायालय में पेश किया जायेगा।