पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर घटना का किया खुलासा

the blat news:

लखनऊ ।  थाना चौक व सर्विलांस टीम डीसीपी पश्चिमी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा अपने आप को लारेंस बिश्नोई व गोल्डी भाई का आदमी बताकर राजधानी के प्रतिष्ठित सरार्फा व्यवसायी व खुनखुनजी के मालिक  से 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले गिरोह का 48 घंटे में पदार्फाश करते हुए दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। यह लोग खुद को गोल्उी बराड़ का दाहिना हाथ बताते हुए व्यवसायी को व्हाट्सएप कॉल करके रंगदारी मांगी थी।डीसीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा ने प्रेसवार्ता में बताया कि 21 मार्च को खुनखुनजी ज्वैलर्स के मालिक  उत्कर्ष अग्रवाल को रंगदारी के रूप में 30 लाख रुपए न देने पर जान से मारने की धमकी के सम्बन्ध में थाना चौक अज्ञात  के खिलाफ के मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीमे गठित की गयी।  इसी का परिणाम रहा कि घटना के  48 घंटे के अन्दर अनावरण करते हुए सर्विलांस टीम पश्चिमी एवं थाना चौक की संयुक्त टीम द्वारा घटना में शामिल दो अभियुक्तों को  शुक्रवार को चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से समय 11.30 बजे गिरफ्तार कर लिया गया।थाने पर लाकर पूछताछ में ज्ञात हुआ कि दोनों अभियुक्त जनपद सुल्तानपुर के मूल निवासी हैं तथा वर्तमान समय में गाजियाबाद में रहते है। सोशल मीडिया के माध्यम से लारेन्स विश्नोई एवं गोल्डी बराड के सम्बन्ध में जानकारी होने पर इनसे प्रेरित होकर उनके नाम का इस्तेमाल करके धन उगाही का विचार पैदा हुआ तथा इण्टरनेट के माध्यम से लखनऊ के प्रतिष्ठित ज्वैलर्स का नाम एवं मोबाइल नम्बर की जानकारी कर उन्हे वाट्स एप काल द्वारा धमकी देकर धन उगाही करने का प्रयास किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

रुपये न देने पर गंभीर अंजाम भुगतने की दी थी धमकी:
डीसीसीपी पश्चिम ने बताया कि चौक में खुनखुनजी ज्वैलर्स के मालिक से रंगदारी मांगने वाले सुलतानपुर के बघराजपुर बांसमंडी निवासी विवेक यादव पुत्र श्रवण यादव और सुलतानपुर के मोतियारपुर निवासी अमित यादव पुत्र जमुना प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में  उन्होंने बताया कि फोन करने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का आदमी बताते हुए 30 लाख रूपए न देने पर गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी।इस तरह पुलिस को मिली सफलता
थाना चौक प्रभारी केके तिवारी ने बताया कि उत्कर्ष अग्रवाल की तरफ से फोन पर रंगदारी मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद से पुलिस ने गंभीरता पूर्वक से लेते हुए सर्विलांस की मदद से व्हाट्सएप नंबर को ट्रैस किया गया । इसके बाद दोनों को चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से पुलिस गिरफ्तार करने में सफल रही। यह दोनों लोग गाजियाबाद में रहकर प्राइवेट नौकरी करते थे। दोनों के अपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

Check Also

लखनऊ: पिता को बेटे ने उतारा मौत के घाट…

लखनऊ : शराब पीने के लिए बेटे को पैसे न देना एक पिता को भारी …