चंबल के डाकू है सरकार और पुलिस, हाथों में बंदूक लेकर डाकू करते थे हत्या,वर्दी पहनकर पुलिस कर रही एनकाउंटर

अलीगढ़, संवाददाता। यूपी के अलीगढ़ जिले की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर एवं परचम पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एनकाउंटर को लेकर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस की तुलना चंबल के डाकुओं से करते हुए बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर विवादित बयान दिया है। परचम पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अली सैयद ने उत्तर प्रदेश सरकार और वर्दी पहनने वाली यूपी पुलिस को चंबल का डाकू करार दिया है। उन्होंने कहा है कि बीहड़ो में रहने वाले चंबल के डाकू कभी न्याय दिलाने के लिए लोगों की हत्या किया करते थे।

ठीक चंबल के डाकुओं की तर्ज पर ही प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस वर्दी पहनकर न्याय दिलाने के लिए चंबल के डाकुओं की तरह ही न्याय के नाम पर न्यायालय के बाहर एनकाउंटर कर रही है। उन्होंने कहा कि हाथों में बंदूक लेकर घूमने वाले चंबल के डाकुओं और वर्दी पहनकर एनकाउंटर करने वाली पुलिस के बीच कोई अंतर नहीं हैं।

 

अलीगढ़ में रविवार को परचम पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर डॉ अली सैयद अपने एक निजी कार्यक्रम के लिए अलीगढ़ पहुंचे थे। जहां उनके द्वारा अलीगढ़ के प्रेस क्लब पर पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा प्रदेश में हो रहे एनकाउंटर की तुलना चंबल के डाकुओं से करते हुए एनकाउंटर को लेकर सवालिया निशान खड़े करते हुए विवादित बयान दे डाला। डॉ अली सैयद ने किसी भी सरकार में हो रहे एनकाउंटर को लेकर सरकार का फेलियर करार दिया और कहा सरकार जब न्यायालय से न्याय नहीं दिला पाती है, तो एनकाउंटर कर देती है। सरकार के द्वारा किए जा रहे इस तरह के एनकाउंटर तो कभी चंबल के डाकू भी किया करते थे,ओर हत्या कर चंबल के डाकू भी कहते थे कि हम सामाजिक न्याय दिला रहे हैं।

क्योंकि हमारे साथ में अन्याय हुआ है हत्या कर अपना बदला हम खुद ही ले लेंगे। ऐसे में डाकू अन्याय का बदला खुद ले ले या फिर पुलिस अन्याय का बदला खुद ले ले, तो चंबल के डाकू और पुलिस की बातें बराबर है। उन्होंने कहा कि अन्याय का बदला तो न्यायालय से दिलाना चाहिए। ऐसे में जब सरकार ही न्यायालय से बदला नहीं दिला पा रही है। तो सरकार पूरी तरह से फेल है,ओर पुलिस एनकाउंटर कर चंबल के डाकू की तरह ही हत्या कर रही है,ओर जो सरकार एनकाउंटर कर न्यायालय के बाहर न्याय दिलाने की बात कर रही है। ऐसे में उनका मानना है कि पुलिस को वर्दी पहनकर एनकाउंटर करने का अधिकार मिल गया है,तो चंबल के डाकुओं को हाथों में बंदूक लेकर न्याय के नाम पर हत्या करने का अधिकार मिल गया था। ठीक इसी तरह दोनों लोग अपने-अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया करते थे, न्यायालय के बाहर जाकर।

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