THE BLAT NEWS:
रायबरेली।रंगोत्सव की धूम शुरू हो गई है। एक-दूसरे को रंगों से सराबोर करने के लिए लोग उत्साहित हैं। इसके लिए वह योजनाएं बनाने में जुटे हैं। बाजार में तरह-तरह के रंग भी मौजूद हैं। केमिकल से तैयार रंगों की भी भरमार है। होली के रंग खुशियों को बदरंग न कर दें, इसके लिए सावधानी बरतने की भी जरुरत है। हानिकारक रंगों के इस्तेमाल से त्वचा, आंख, कान आदि पर दुष्प्रभाव हो सकता है। लिहाजा होली मनाते समय पूरी सावधानी बरतनी जरूरी है। बच्चों की विशेष देखभाल रखना होगामहंगाई की मार से कराहते बाजार में खरीदारों को राहत दिलाने के लिए तमाम तरह के सस्ते रंग-गुलाल दुकानों पर मौजूद हैं। गहरा रंग चढ़ने का हवाला देकर भी केमिकल वाले रंगों को बेचा जा रहा है। ऐसे रंग लगाने से सेहत को नुकसान हो सकता है। इन रंगों में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ ऑक्सीकृत धातुओं से बने होते हैं। हरा रंग कॉपर सल्फेट से बनाया जाता है, जिसे आम भाषा में तूतिया कहा जाता है। इसे नंगे हाथों से छूने से लोग हिचकिचाते हैं। लाल रंग में पारे के सल्फाइड और काले रंग में शीशे के ऑक्साइड का इस्तेमाल भी होता है। इसके अलावा भी रंगों में एस्बेस्टस, खड़िया पाउडर आदि भी मिलाए जाते हैं, जो त्वचा और आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं।