कानपुर,संवाददाता। गुरुवार सुबह बिधनू थाना क्षेत्र के कठारा गांव में एक किसान ने घर पर कबूतर गले में खून लगी चिट्टी लटकाए पहुंच गया। जिस पर किसान ने पड़ोसियों की मदद से कबूतर को पकड़कर गले से चिट्ठी उतारी। चिट्ठी खोली गई तो उसमें वर्गाकार भाग के अंदर उर्दू भाषा में लिखी कई पंक्तियां देख ग्रामीण दहशत में आ गए।
गुरुवार सुबह से उर्दू भाषा के जानकार लोगों की तलाश कर रहे हैं। वहीं घटना की जानकारी से आसपास गांवों के लोगों की भीड़ एकत्र होने लगी है। कठारा गांव निवासी किसान धर्मेंद्र कुशवाह गुरुवार सुबह दरवाजे मवेशियों को चारा दे रहे थे। तभी एक कबूतर गुटुर-गुटुर करता हुआ उनके चबूतरे पर बैठ गया। कबूतर के गले में सफेद धागे में एक कागज का टुकड़ा देख धर्मेंद्र ने पड़ोसियों की मदद से कबूतर को पकड़ लिया। गले से धागे से बंधे कागज के टुकड़े को उतारकर खोला तो वह उर्दू भाषा में लिखी चिट्ठी थी। चिट्ठी में लिखी उर्दू भाषा का ज्ञान न होने से ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चा जिसमे बनजे वर्गाकार भाग के बीच सात पंक्तियों में कुछ लिखा था। चिट्ठी के दूसरी ओर खून भी लगा था। जिसे देख किसान समेत ग्रामीण दहशत में आकर तरह तरह के अनुमान लगाकर चर्चा करने लगे। ग्रामीणों ने कबूतर को एक पिजड़े में कैद कर पुलिस को जानकारी दी। साथ ही उर्दू भाषा के जानकारों की तलाश शुरू कर दी। जिससे उर्दू में लिखी चिट्ठी पढ़ा जा सके। थाना प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि घटना कि पड़ताल की जा रही है।
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