Author : Rishabh Tiwari
कानपुर। गुरुवार को बांग्लादेशी नागरिक के मामले में पेशी के लिए जेल से कोर्ट लाए गए इरफान सोलंकी एमपी,एमएलए कोर्ट में पेश हुऐ इस बीच वे काफी खुश भी दिखे और उन्होंने सरकार पर तंज भी कसा।
इरफ़ान सोलंकी के मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी,एमएलए की कोर्ट में इरफान को दोपहर करीब 12 बजे पेश किया गया। इस दौरान जाजमऊ आगजनी, फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने समेत चार मामलों की सुनवाई हुई। यहां पुलिस ने चार अन्य मामलों में इरफान के लिए ज्यूडिशियल रिमांड की मांग की। कोर्ट ने चारों मामलों में 13 फरवरी तक के लिए रिमांड मंजूर कर लिया है। वहीं विधायक पर लगे बांग्लादेशी मूल के जासूस को भारतीय होने का प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप को लेकर दिनभर न्यायिक कार्रवाई चलती रही। इस बीच इरफान सोलंकी अपने परिजनों के साथ कोर्ट में मौजूद रहे। वहीं पुलिस ने कोर्ट को पूरी तरह से अपने सुरक्षा में ले लिया था।
वहीं, इरफ़ान सोलंकी पिछली बार की तुलना में इस बार खुश दिखे वहीं कोर्ट से बाहर निकले इरफ़ान सोलंकी ने मीडिया से बात करते हुए सरकार पर तंज कसते हुए एक शायरी के अंदाज में कहा कि मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे खुदाह होता है।
परिजनों ने लगाए आरोप
महाराजगंज जेल में इरफान सोलंकी के स्वास्थ्य जांच न कराने को लेकर परिवार द्वारा एमपी,एमएलए कोर्ट में शिकायती पत्र दिया गया। इस पर कोर्ट ने महाराजगंज जेल अधीक्षक को तलब किया है वहीं इरफान की पत्नी नसीम ने आरोप लगाए कि विधायक को स्टोन की प्रॉब्लम है, उनको लगातार दर्द है। लेकिन जेल प्रशासन ने उनका अभी तक अल्ट्रासाउंड नहीं कराया है।
उनके अधिवक्ता ने क्या कहा
वहीं अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने बताया कि कोर्ट में पेशी के दौरान बांग्लादेशी नागरिक डा. रिजवान को जो विधायक का लेटर जारी किया गया, पुलिस ने अभी तक उस लेटर का वैरिफिकेशन तक नहीं कराया है। वहीं इरफान सोलंकी अंग्रेजी में सिग्नेचर करते हैं, जबकि लेटर में हिंदी में सिग्नेचर हैं। अधिवक्ता ने आगे भी बताया कि लेटर पूरी तरह फर्जी है। 3 मामलों में 13 फरवरी की रिमांड कोर्ट ने दी है। वहीं बांग्लादेशी मामले में रिमांड बढ़ाकर 2 मार्च तक की गई है।