मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए हेल्पलाइन शुरू

नई दिल्ली । दुनिया भर के डॉक्टरों और मनोचिकित्सकों के कई संघों ने कोविड-19 महामारी के दौरान तनाव, अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है।

इस पहल के पीछे प्रमुख भागीदारों में से एक ‘ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन’ (जीएपीआईओ) ने शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि देश में महामारी की दूसरी लहर ने डॉक्टरों, नर्सों और इस क्षेत्र के अन्य लोगों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है।

जीएपीआईओ ने बयान में कहा कि इससे चिकित्सा, नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों को रोगी देखभाल के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय तनाव, अवसाद और अन्य मुश्किलों का सामना करने के साथ कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

संगठन ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों का मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण काम है और जीएपीआईओ और इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी (आईपीएस) ने अन्य सहयोगी भागीदारों के साथ मिलकर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है, ताकि उन्हें इसका समाधान करने में मदद मिल सके।

इसके अन्य भागीदारों में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआई), ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (बीएपीआईओ), कनाडा इंडिया नेटवर्क सोसाइटी (सीआईएनएस) और ब्रिटिश इंडियन साइकियाट्रिक एसोसिएशन (बीआईपीए) शामिल हैं।

इस पहल की शुरुआत की घोषणा करते हुए, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के चेयरमैन और जीएपीआईओ के संस्थापक अध्यक्ष, डॉ प्रताप सी रेड्डी ने कहा, “यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और कठिन समय है। स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों में चिंता, तनाव और अवसाद के मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है। मनोचिकित्सकों, नैदानिक मनोवैज्ञानिकों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता से स्वास्थ्य कर्मियों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हेल्पलाइन इस अभूतपूर्व संकट के बीच स्वास्थ्य कर्मियों के तनाव और चुनौतियों को दूर करेगी। जीएपीआईओ के अध्यक्ष डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा, “सहायता प्रदान करने के लिए सहायता सत्र आयोजित किए जाएंगे। आवश्यक होने पर व्यक्तिगत सत्र और रेफरल सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।”

महामारी की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में कोविड ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने तब के अपने अनुभवों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक ड्यूटी शिफ्ट, हर दिन मरीजों को मरते हुए देखना या परिवार के सदस्यों को अपनी जान बचाने की गुहार लगाते देखने की वजह से वे दूसरी लहर के दौरान अकल्पनीय मानसिक पीड़ा से गुजरे हैं।

सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक के डॉक्टरों के इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

आईपीएस के अध्यक्ष डॉ गौतम साहा ने आश्वासन दिया कि भारत के मनोचिकित्सक अपने मानसिक स्वास्थ्य को उस स्तर पर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे जैसा कि कोविड-19 महामारी से पहले था।

उन्होंने कहा कि यह हेल्पलाइन चिकित्सा और संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों को मुफ्त ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करेगी

Check Also

दिल्ली में एक्यूआई के स्तर में सुधार नहीं, आज भी ‘गंभीर’

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होता नहीं दिख रहा। …