गोरखपुर: मनीष गुप्ता हत्याकांड में मीनाक्षी ने सोशल मीडिया के जरिये लड़ी इंसाफ की लड़ाई

द ब्लाट न्यूज़ गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड में मीनाक्षी ने इंसाफ की लड़ाई सोशल मीडिया के जरिये भी लड़ी थी। वारदात के दूसरे दिन गोरखपुर में धरने के दौरान उन्होंने अपना ट्विटर एकाउंट बनाया और घटना की पल-पल की खबर मोदी, योगी से लेकर अखिलेश और राहुल तक को ट्वीट की। कई वीडियो जारी किए, जिसमें गोरखपुर के डीएम और एसएसपी तहरीर बदलने का दबाव बनाते हुए भी दिखे थे।

 

उनके ट्विटर हैंडल से कुल 16 ट्वीट किए गए। घटनाक्रम के दौरान ही 4620 फॉलोवर बन गए। एक नई तरह की लड़ाई मीनाक्षी ने खुद लड़ी। अपनी बात नेताओं से लेकर अफसरों तक पहुंचाई। उनके हर एक ट्वीट पर हजारों लोगों ने कमेंट भी किए। इसके बाद भी पुलिस पर शिकंजा और कस गया।

अखिलेश ने किया रीट्वीट 
घटना के दूसरे दिन मीनाक्षी ने ट्वीट कर कहा था कि मेरे पति की गोरखपुर में हत्या हो गई है। कृपया उचित न्याय दिलाएं। एफआईआर नहीं लिखा जा रही है। इस पर अखिलेश यादव ने रीट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार ने एनकाउंटर की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, ये उसी का दुष्परिणाम है। इसके  चलते गोरखपुर पुलिस ने एक युवक की जान ले ली।

गोरखपुर पुलिस ने मीनाक्षी को ट्वीट कर बताई थी कहानी
होटल में संदिग्ध की चेकिंग के लिए मैनेजर के साथ पुलिस कमरे में गई थी। दुर्घटनावश कमरे में गिरने से युवक को चोट लग गई। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। लापरवाही बरतने पर छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

2021 में मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में हुई थी हत्या
सितंबर 2021 की रात में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता, प्रदीप और हरवीर ठहरे थे। आरोप था कि पुलिस चेकिंग के दौरान एसएचओ समेत अन्य पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता को सामूहिक रूप से इतना मारा कि उनकी मौत हो गई। मामले ने तूल पकड़ा और हत्या के मामले में सभी छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

बाद में कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की मांग पर पूरे मामले को एसआईटी कानपुर को स्थानांतरित किया गया था। इसी बीच मीनाक्षी गुप्ता ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण को राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (स्पेशल कोर्ट सीबीआई) में परीक्षण के लिए स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इधर, राज्य सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया।

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