बिलासपुर में उग्र ट्रक ऑपरेटरों का प्रदर्शन, एसीसी सीमेंट से लदे ट्रकों में की तोड़फोड़

द ब्लाट न्यूज़ सीमेंट मालभाड़े को लेकर चल रहा अदाणी समूह और ट्रक ऑपरेटरों में विवाद थम नहीं रहा। शुक्रवार को बिलासपुर में ट्रक ऑपरेटरों के धरना प्रदर्शन में खूब हंगामा हुआ। उग्र ट्रक ऑपरेटरों ने चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे से जा रहे सीमेंट से भरे कुछ ट्रक रोके।

 

 

प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों में तोड़-फोड़ की और सीमेंट के कुछ बैग फाड़कर सीमेंट हाईवे पर फेंक दिया। ट्रक ऑपरेटरों ने शहीद स्मारक के बाहर एसीसी और अंबुजा सीमेंट प्लांट के मालिक गौतम अदाणी का पुतला भी जलाया।

इसके बाद जिला ट्रक ऑपरेटर सभा बिलासपुर (बीडीटीएस) के पदाधिकारियों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा और बताया कि अब और सहन नहीं करेंगे। कोई अप्रिय घटना होती है तो प्रशासन और सरकार जिम्मेवार होगी। हंगामे के दौरान हाईवे पर दोनों और जाम लग गया। तय समय अनुसार सुबह 11:00 बजे ट्रक ऑपरेटर, महिला मंडल, व्यापार मंडल और अन्य कई संस्थाओं के पदाधिकारी बीडीटीएस के बैनर तले लक्ष्मी नारायण मंदिर में इकट्ठा हुए।

11:30 बजे रैली शुरू हुई। इसमें गो बैक अदाणी, अदाणी-सदाणी नहीं चलेंगे जैसे नारे लगाते हुए ट्रक ऑपरेटर बस अड्डा चौक, चंपा पार्क चौक, मेन मार्केट होते हुए 12:30 बजे कॉलेज चौक पहुंचे। वहां से हाईवे पर होते हुए रैली आगे बढ़ी तो ऑपरेटरों ने एसीसी सीमेंट लदे ट्रक रोके। कुछ लोगों ने पुलिस के सामने ट्रक की हेड लाइट तोड़ दी और कुछ ने सीमेंट के बैग फाड़कर हाईवे पर फेंक दिए। इसके बाद ऑपरेटर हाईवे पर आधा घंटा बैठकर नारेबाजी करते रहे। इसके बाद नारेबाजी करते दोबारा चंपा पार्क पहुंचे। वहां भी एक सीमेंट से भरे ट्रक का तिरपाल फाड़ दिया और सीमेंट हाईवे पर फेंक दिया।

इसी बीच बीडीटीएस पदाधिकारी चंगर सेक्टर में शहीद स्मारक पहुंचे और अदाणी का पुतला जलाया। 1:30 बजे बीडीटीएस पदाधिकारियों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा और सीमेंट प्लांट का ताला खुलवाने की मांग की। बीडीटीएस के अध्यक्ष लेखराम वर्मा ने कहा कि अदाणी समूह ने प्लांट को गैरकानूनी तरीके से बंद किया है। अदाणी पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। कहा, अदाणी डर का माहौल बनाना बंद करे। जैसे प्लांट पहले चल रहा था, वैसे उसे फिर चलाए। उसके बाद वार्ता करेंगे। अन्यथा अदाणी के खिलाफ लड़ाई हिमाचल से शुरू हो गई है। उपायुक्त परिसर में करीब दो घंटे धरना देने के बाद ट्रक ऑपरेटर वापस चले गए।

पूर्व सैनिक ट्रक ऑपरेटर कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष योगेंद्र अवस्थी की अगुवाई में यूनियन के सदस्यों ने शुक्रवार को एसीसी के स्थानीय स्टोर पर सीमेंट लेकर पहुंचीं गाड़ियों का विरोध किया। करीब 50 ट्रक संचालकों ने नादौन के निकट कंपनी के डंप पर पहुंचकर चालकों को चेतावनी दी कि वे भविष्य में अदाणी कंपनी का सीमेंट लेकर क्षेत्र में न आएं। यूनियन ने कहा कि जब तक कंपनी के साथ गतिरोध चल रहा है, तब तक किसी भी गाड़ी को क्षेत्र में अदाणी की कंपनी के सीमेंट की आपूर्ति नहीं करने दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि एसीसी अंबुजा सीमेंट के अतिरिक्त किसी अन्य कंपनी के सीमेंट की आपूर्ति को यूनियन नहीं रोकेगी। नालागढ़ यूनियन से लोड होकर आईं इन गाड़ियों के लिए अवस्थी ने मौके पर ही नालागढ़ यूनियन के अध्यक्ष से बात की। कहा कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि नालागढ़ यूनियन का कोई भी वाहन प्रदेश में अब अदाणी की कंपनी के सीमेंट की ढुलाई नहीं करेगा।

कहा कि बरमाणा में पूर्व सैनिकों के सैकड़ों ट्रक सीमेंट ढुलाई में लगे हैं, परंतु अब उनके लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिन लोगों ने नए ट्रक खरीदे हैं, वे बैंक की किस्तें कैसे जमा करवाएंगे। यदि ट्रक खड़े हो गए तो चालकों का वेतन कहां से आएगा। प्रदेश के करीब 30 हजार परिवार प्रभावित हो रहे हैं। कहा कि वर्ष 2005 में जब समझौता हुआ था तो उसमें यह भी बात तय हुई थी कि डीजल की कीमतें व स्पेयर पार्ट्स के दामों में बढ़ोतरी के साथ माल ढुलाई के दामों में भी समय अनुसार वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में डीजल की कीमतों और आज के दामों में काफी बड़ा अंतर है। पहाड़ी राज्य होने के कारण डीजल की खपत भी अधिक होती है। उन्होंने कहा कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो कई ट्रक संचालक सड़क पर आ जाएंगे। अवस्थी ने चेतावनी दी है कि अदाणी समूह की हिटलर शाही नहीं चलने दी जाएगी। अवस्थी ने सरकार से भी मांग की है कि शीघ्र समस्या का समाधान करवाया जाए।

सरकार जल्द लेगी कड़ा फैसला : विधायक

दाणी समूह की पिछले 17 दिन से अंबुजा सीमेंट प्लांट रोड़ी और सुल्ली में तालाबंदी के खिलाफ सरकार जल्द कड़ा फैसला लेने जा रही है। यह बात अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के हितों से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। अदाणी समूह की मनमानी साफ दर्शा रही है कि स्थानीय लोगों को प्रताड़ित कर उन्हें रोजगार और आर्थिक तंगी का शिकार बनाया जा रहा है।

अदाणी समूह यह बात ध्यान रखे कि प्रदेश सरकार आम जनता की सरकार है और जनता के हितों की रक्षा करेगी। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर पहले ही मुख्यमंत्री आदेश दे चुके हैं। जल्द सरकार इस मुद्दे पर कड़ा संज्ञान लेगी। ट्रांसपोर्टरों की मैनेजमेंट और अदाणी समूह के बीच किराया निर्धारित करने के निर्णय को प्रशासन देख रहा है। कहा कि उन्हें मामले की व्यक्तिगत जानकारी है। प्रशासनिक स्तर पर भी कार्रवाई का अपडेट ले रहे हैं।

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