गाजियाबाद: हत्या कर आरी से शव के किए चार टुकड़े

द ब्लाट न्यूज़ गाजियाबाद के मोदीनगर में राधा एंक्लेव में किराये पर रहने वाले पीएचडी के छात्र अंकित खोखर (35) की उसके मकान मालिक उमेश शर्मा ने एक करोड़ के लिए हत्या कर दी और आरी से शव के चार टुकड़े कर अलग-अलग जगह फेंक दिए।

 

 

दो टुकड़े गंगनहर और एक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंका गया। धड़ खतौली में फेंका। पुलिस उमेश और उसके दोस्त प्रवेश को हिरासत में लेकर बुधवार को वारदात के खुलासे का दावा किया। छह अक्तूबर से लापता बताए गए अंकित के शव के टुकड़े अभी नहीं मिले हैं।

मसूरी में अंकित के सिर-हाथ, पैर फेंके, खतौली में धड़-
मोदीनगर में पीएचडी के छात्र अंकित की हत्या के बाद उमेश शर्मा ने उसके शव के आरी से चार टुकड़े किए थे। हाथ, पैर, सिर और धड़ को अलग-अलग कर दिया था। उसने डासना के पास मसूरी गंगनहर में हाथ और पैर फेंके। इसी के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर सिर फेंका। इससे पहले खतौली में धड़ फेंककर आया। पुलिस का दावा है कि उसने पूछताछ में हत्या के पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बता दिया है। इसके बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में बताया कि उसने पहले से तय कर रखा था कि छह अक्तूबर को ही साजिश को अंजाम देगा। वह सामान्य बातचीत के बाद बहाने से अंकित के पास गया। वह उस समय बैठा था। उससे पूछा कि तुमने अपनी शादी के बारे में क्या सोचा है, तुम कहो तो तुम्हारे लिए लड़की ढूंढें।

इसी बातचीत के दौरान वह उसके पीछे की तरफ गया और तेजी से गला दबा दिया। अंकित थोड़ी देर तड़पा और फिर उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद उमेश अपने घर में गया और आरी लेकर आया। आरी से ही शव के चार टुकड़े किए।

उसने कहा कि उसने यू-ट्यूब पर एक फिल्म ने देखा था कि अगर हत्या के बाद किसी का शव बरामद न हो तो पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकती है। पुलिस ने उमेश से हुई पूछताछ के हवाले से बताया कि वह छह अक्तूबर को ही बाजार से आरी और सफेद पन्नी खरीदकर लाया था।

उसने कहा कि उसने यू-ट्यूब पर एक फिल्म ने देखा था कि अगर हत्या के बाद किसी का शव बरामद न हो तो पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकती है। पुलिस ने उमेश से हुई पूछताछ के हवाले से बताया कि वह छह अक्तूबर को ही बाजार से आरी और सफेद पन्नी खरीदकर लाया था।

वह छह अक्तूबर को ही कार लेकर निकल गया। पहले खतौली पहुंचा। वहां गंगनहर में एक टुकड़ा फेंक दिया। वहां से मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे से होता हुआ डासना के पास मसूरी पहुंचा। यहां दो टुकड़े गंगनहर में फेंके।

पत्नी और दोस्त के शामिल होने का शक-
उसने बताया है कि यह काम उसने अकेले किया। हालांकि, पुलिस को इस पर यकीन नहीं है। पुलिस का मानना है कि इसमें उसकी पत्नी और दोस्त भी साथ रहे होंगे। शव के टुकड़े बरामद होने के बाद उससे फिर से पूछताछ होगी। पत्नी और दोस्त को भी पुलिस ने हिरासत में ले रखा है। वे अभी जुबां नहीं खोल रहे हैं। सभी एक ही बात कह रहे हैं कि उन्हें कुछ नहीं मालूम है। पुलिस ने इन दोनों के अलावा चार और लोगों को हिरासत में लिया है। सभी के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। फिर सभी का आमना-सामना कराया जाएगा।

जिसे जीजा कहता था, उसने ही ली जान-
अंकित उमेश को जीजा कहता था। वह उसकी पत्नी को बहन मानता था। प्रदीप के साथ पहले भी घर आ चुका था। उसने पिछली रक्षाबंधन को उमेश की पत्नी से राखी भी बंधवाई थी। प्रदीप को वह भाई की तरह मानता था। उसे यह पता ही नहीं चला कि जिन लोगों पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा है, वे ही उसकी जान के दुश्मन बनेंगे। उमेश की पत्नी अंकित से कहती थी कि तुम मेरे बहुत ही प्यारे भाई हो। उसने कई बार अंकित को खाना बनाकर भी दिया।

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