Author : S.S.Tiwari
कानपुर। शनिवार को विधायकों का 11 सदस्यीय जांच दल पहुंचा। विधायक दल ने पुलिस कमिश्नर, पीड़ित महिला और इरफान सोलंकी के परिजनों से भी मुलाकात करी।
जांच टीम के सदस्यों ने कहा कि सपा की सरकार के समय जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाती थी। वर्तमान सरकार में न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई, बल्कि विधायक के साथ अपराधियों जैसा सुलूक किया जाने लगा। मुख्य सचेतक विधानसभा डॉ. मनोज पांडेय के अलावा अन्य नौ विधायक व निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सपा की इस जांच टीम में शामिल हैं। जांच टीम सीधे विधायक हाजी इरफान सोलंकी के जाजमऊ स्थित आवास पर पहुंची। यहां विधायक की पत्नी नसीम, मां खुर्शीदा बेगम, बेटे मुस्तफा और दोनों बेटियों से बातचीत की।
कार्रवाई न होने पर पीड़ित परिवार आला अफसरों की चौखट पर पहुंचा था। मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर ने जाजमऊ थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही इरफान एवं उनके भाई पर केस दर्ज हुआ था। पिछले दिनों कई थानों की फोर्स विधायक और उनके भाई की गिरफ्तारी के लिए गई थी। फिलहाल दोनों फरार है। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
निकाय चुनाव नजदीक होने की वजह से सपा नेता इसे मुद्दा बनाकर भुनाने के प्रयास में लग गए हैं। पुलिस का कहना है कि सपा विधायक एवं उनके भाई के खिलाफ तहरीर आई थी।जांच टीम में शामिल सदस्यों ने कहा कि कि वे पुलिस कमिश्नर से भेंट कर पूरे प्रकरण को रखेंगे और निष्पक्ष जांच कराने की मांग करेंगे। पुलिस ने बिना किसी सबूतों के पूरी कार्रवाई की है। जांच रिपोर्ट सपा मुखिया अखिलेश यादव को सौंपी जाएगी।
मीडिया कर्मियो को रखा गया दूर
इस दौरान मीडिया की नजरों से सभी चीजों को बचाने की कोशिश की गई, पुलिस ने मीडिया कर्मियो को कवरेज करने से भी रोका। आखिर क्या छुपाना चाहती है विधायकों का 11 सदस्यीय दल।