द ब्लाट न्यूज़ दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार शहीद हुए कोरोना योद्धाओं के साथ भेदभाव कर रही है। 500 से ज्यादा दिवंगत कोरोना योद्धाओं में से सिर्फ 56 के परिजनों को ही एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी गई है। विशेष तौर पर सफाई कर्मचारियों को लगभग पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है।
बिधूड़ी ने कहा कि पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर राजधानी पर कहर साबित हुई थी और आम जनता के साथ-साथ डॉक्टर, नर्स, पेरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी, शिक्षक, पुलिसकर्मी और अन्य कोरोना योद्धा जनता की जान बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस त्रासदी में शहीद हुए सभी कोरोना योद्धाओं के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने का ऐलान पहली लहर के दौरान ही कर दिया था। लेकिन बड़े ही आश्चर्य और दुख की बात है कि सरकार इस मामले में लापरवाही से काम ले रही है। कोरोना योद्धाओं के परिजनों को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के 102 सफाई कर्मचारियों की कोरोना में लोगों की सेवा करते हुए मृत्यु हुई थी। इन सफाई कर्मचारियों में से एक-दो के परिजनों को ही अब तक एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी गई है। अब सरकार यह कह रही है कि दिल्ली नगर निगम ने आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार के पास एक-एक मौत का आंकड़ा और उनका पूरा विवरण मौजूद है। यही व्यवहार पुलिसजनों के साथ भी किया गया। पुलिसकर्मी अमित को सम्मान राशि देने का ऐलान तो खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट पर किया था, लेकिन बाद में उन्हें कोरोना योद् के रूप में स्वीकार करने और उनके परिजनों को एक करोड़ की सम्मान राशि देने से इनकार कर दिया गया। अदालत के निर्देश के बावजूद सरकार ने यह सम्मान राशि अब तक नहीं दी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार करीब 500 शहीद कोरोना योद्धाओं में से सिर्फ 56 के परिजनों को ही सम्मान राशि बांट पाई है। पिछले ढाई सालों में सिर्फ 31 योद्धाओं के परिजनों को यह राशि दी गई थी और 25 के परिजनों को हाल ही में यह राशि देने का ऐलान किया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार इस संवेदनशील मामले में भेदभाव से काम न ले और सभी शहीद हुए कोरोना योद्धाओं के परिजनों को बिना भेदभाव के जल्दी से जल्दी सम्मान राशि के भुगतान की व्यवस्था करे।