द ब्लाट न्यूज़ राजधानी में पेड़ों की वजह से 15 महत्वपूर्ण परियोजनाएं लंबे समय से लटके पड़े हैं। इनमें से कई परियोजनाओं को लेकर वर्ष 2019 में पर्यावरण मंत्री से पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी। लेकिन सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया।
इसे लेकर एक बार फिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि इन पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए जगह चिन्हित होने के बावजूद दिल्ली सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है।
एलजी की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा निर्णय नहीं लेने के चलते हो रही देरी से जनता के पैसों की बर्बादी हो रही है। समय की देरी के चलते इन प्रोजेक्ट की लागत बढ़ती है, जिसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इसके अलावा इन प्रोजेक्ट में होने वाली देरी से लोगों को भी वह सुविधा नहीं मिल रही जो उन्हें मिलनी चाहिए। राहत के लिए कई विभागों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है जिससे उनका भी समय बर्बाद हो रहा है। इसलिए उन्होंने बीते अगस्त माह में पत्र लिखकर सरकार को आनेदन पर निर्णय लेने के लिए कहा था।
उपराज्यपाल ने लिखा है कि पेड़ को काटने या उसके प्रत्यारोपण का निर्णय होने से सीपीडब्ल्यूडी, डीएमआरसी, भारतीय रेलवे के अटके हुए प्रोजेक्ट पूरे हो सकेंगे। इन लंबित आवेदनों पर जल्द से जल्द सरकार निर्णय ले ताकि अटके हुए प्रोजेक्ट पूरे हो सकें। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति से ऊपर उठकर अपने पर्यावरण मंत्री को इन आवेदनों पर जल्द फैसला करने के लिए कहेंगे। इससे दिल्लीवासियों को भी काफी राहत मिलेगी।
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यहां अटका काम
एम्स के पुनर्विकास का काम रुका हुआ।
पश्चिम विहार से मधुबन चौक और मजलिस पार्क से डेरावाल नगर के बीच बनने वाले मेट्रो प्रोजेक्ट।
साकेत जी-ब्लॉक-खानपुर-तुकलकाबाद की फाइल लंबित है।
पुल बंगश से घंटाघर और जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम और साकेत जी-ब्लॉक से संगम विहार के बीच बनने वाली मेट्रो प्रोजेक्ट।
आईआईटी दिल्ली में बनने वाले नये इंजीनियरिंग ब्लॉक की फाइल सरकार के पास लंबित है।
सीआईएसएफ की बिल्डिंग बनने का प्रोजेक्ट लंबित है।