द ब्लाट न्यूज़ ‘पेसीएम’ का मुद्दा बृहस्पतिवार को कर्नाटक विधानसभा में उठा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर उसके राजनीतिक फायदों के लिए झूठा प्रचार करने के वास्ते जानबूझकर और अनावश्यक रूप से मुख्यमंत्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने अपने बचाव में कहा कि अगर इस मामले में कुछ भी गैरकानूनी होगा तो सरकार कार्रवाई करेगी।
कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा कि जांच जारी है और पुलिस पोस्टरों के सिलसिले में कार्रवाई कर रही है।
बेंगलुरु के कई हिस्सों में बुधवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर वाले ऐसे पोस्टर लगाए गए, जिन पर ‘पेसीएम’ लिखा हुआ था जिन्हें बाद में अधिकारियों ने हटा दिया।
खबरों के अनुसार इस क्यूआर कोड को स्कैन करने पर लोग कांग्रेस द्वारा रिश्वतखोरी की शिकायतों के लिए हाल में शुरू की गयी ‘40 प्रतिशत सरकार’ वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं।
विधानसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए भाजपा विधायक राजीव ने कहा कि बुधवार को बेंगलुरु के अनेक हिस्सों में ‘पेसीएम’ के पोस्टर लगे देखे गये और इसके पीछे एक राजनीतिक दल है।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम इस भावना को बल दे रहे हैं कि कर्नाटक में राजनीतिक क्षरण हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ पेसीएम के पोस्टर। उनके पास (भ्रष्टाचार के) क्या सबूत हैं? अगर उनके पास सबूत हैं तो वे मुख्यमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल करने के बजाय शिकायत दर्ज कराएं।’’
जब राजीव ने इस मुद्दे का जिक्र किया तो विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने पूछा कि किसने ऐसा किया ? इस पर अनेक भाजपा विधायकों को ‘कांग्रेस’ कहते सुना गया।
कांग्रेस विधायक कृष्ण बी गौड़ा ने कहा, ‘‘राजीव ने जिस विषय पर नोटिस दिया है, उस पर बोलना चाहिए। अगर वह राजनीतिक भाषण देते हैं तो हमें भी बोलना होगा।’’
राजीव ने कहा कि पोस्टर सामने आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता और विधायक प्रियांक खड़गे ने बयान देकर दावा किया है कि उनकी पार्टी अभियान के तौर पर इसे चला रही है।
राजीव ने इसे राजनीतिक फायदों के लिए चलाया गया कांग्रेस प्रायोजित अभियान बताया, वहीं गौड़ा ने कहा कि यदि कुछ अवैध हुआ है तो राजनीतिक भाषण देने के बजाय कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून का सामना करने को तैयार हैं।’’